हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में नहीं लगेगा यूएपीए, डीजीपी ने कहा- घटना से कोई हिंसा या हत्या नहीं हुई
By विशाल कुमार | Updated: December 25, 2021 08:08 IST2021-12-25T08:03:08+5:302021-12-25T08:08:47+5:30
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि हमें कानून के अनुसार काम करना होगा, यूएपीए लागू नहीं कर सकते क्योंकि इस घटना से कोई हिंसा या हत्या नहीं हुई।

यति नरसिंहानंद गिरि.
नई दिल्ली: हरिद्वार में आयोजित ‘‘धर्म संसद’’ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के सिलसिले में उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के एक दिन बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की धाराओं को लागू नहीं किया गया क्योंकि इस मामले में कोई हत्या नहीं हुई।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, कुमार ने कहा कि हमने प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 153 ए की दोनों धाराओं को शामिल किया है। हमें कानून के अनुसार काम करना होगा, यूएपीए लागू नहीं कर सकते क्योंकि इस घटना से कोई हिंसा या हत्या नहीं हुई। जांच से और ब्योरा सामने आएगा।
उन्होंने मामूली धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आरोपों से इनकार किया और कहा कि नफरत भरे वीडियो को फेसबुक से हटा लिया गया है।
बता दें कि, हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ एवं उत्तेजक भाषण दिए और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने लोगों से हथियार उठाने और एक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गोली मारने की भी अपील की।
‘‘धर्म संसद’’ का आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरि ने की थी, जिन पर विगत में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप हैं।
नरसिंहानंद ने हिंदू युवाओं को "प्रभाकरण" और "भिंडरांवाले" बनने का आह्वान किया और हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाया।
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा तलवार और त्रिशूल दिखाने के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि वे पारंपरिक चीजें हैं। उन्होंने न तो कोई हथियार खरीदा और न ही कोई हथियार कारखाना मिला. यह सब जांच का हिस्सा है।
पुलिस ने कहा है कि ‘धर्म संसद’’ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के सिलसिले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
हरिद्वार कोतवाली थाने के एसएचओ रकिंदर सिंह ने बताया कि ज्वालापुर के एक निवासी की शिकायत पर जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। त्यागी का नाम पहले वसीम रिजवी था। उन्होंने कहा कि वह इस महीने की शुरुआत में धर्म परिवर्तन करने के बाद हिंदू बने थे।
कुमार ने कहा कि वे नरसिंहानंद और वीडियो में दिख रहे अन्य लोगों को कानून के अनुसार पूछताछ के लिए बुलाएंगे।
गिरफ्तारी के लिए टीएमसी नेता ने 27 दिसंबर की समयसीमा दी
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक वरिष्ठ नेता ने बृहस्पतिवार को कार्यक्रम के आयोजकों एवं वक्ताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की थी।
टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने ज्वालापुर थाने में इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई और एसएचओ से अनुरोध किया कि मामले में 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
गोखले ने शिकायत की प्रति ट्विटर पर साझा की और धर्म संसद के आयोजकों तथा कार्यक्रम में मुसलमानों एवं अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वालों को 27 दिसंबर तक गिरफ्तार करने की समय सीमा दी है।
एसएचओ को दी गई शिकायत में गोखले ने कहा कि इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ अगर 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दी जाएगी।