नारंगी बेचने वाले कर्नाटक के हरेकला हजब्बा को राष्ट्रपति कोविंद ने पद्मश्री से किया सम्मानित, दिलचस्प है इनकी कहानी

By विनीत कुमार | Updated: November 8, 2021 16:24 IST2021-11-08T15:48:36+5:302021-11-08T16:24:53+5:30

हरेकला हजब्बा अपने क्षेत्र में 'अक्षर संत' के नाम से मशहूर हैं। हालांकि उन्हें कभी स्कूल से औपचारिक शिक्षा हासिल करने का मौका नहीं मिला।

Harekala Hajabba who sells oranges honored with Padma Shri by President Ramnath kovind | नारंगी बेचने वाले कर्नाटक के हरेकला हजब्बा को राष्ट्रपति कोविंद ने पद्मश्री से किया सम्मानित, दिलचस्प है इनकी कहानी

कर्नाटक के हरेकला हजब्बा को पद्मश्री (फोटो- ट्विटर)

Highlights 64 साल के मेंगलुरु के हरेकला हजब्बा पद्मश्री से किए गए सम्मानित। नारंगी बेचने का काम करते हैं पर शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने के लिए दिया गया सम्मान।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इसी कड़ी में 64 साल के मेंगलुरु के हरेकला हजब्बा को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वे मेंगलुरु में नारंगी बेचने का काम करते हैं। उन्हें समाजिक कार्य के तहत शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने के लिए ये पुरस्कार दिया गया है।

राष्ट्रपति कोविंद ने नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित कार्यक्रम में हरेकला हजब्बा को सम्मानित किया। वे सम्मान समारोह में हिस्सा लेने के लिए अपने एक रिश्तेदार के साथ रविवार को दिल्ली पहुंचे थे।

'अक्षर संत' के नाम से हैं मशहूर

हजब्बा अपने क्षेत्र में 'अक्षर संत' के नाम से मशहूर हैं। हालांकि उन्हें कभी स्कूल से औपचारिक शिक्षा हासिल करने का मौका नहीं मिला। एक बार वे कुछ विदेशी पर्यटक से बात करने में असमर्थ रहे, ऐसे में उन्होंने बहुत असहाय महसूस किया। इसके बाद उन्होंने गांव में स्कूल खोलने की ठानी।

उनके गांव न्यूपाडापु में कोई स्कूल नहीं था। वे नहीं चाहते थे कि उनके भी गांव के बच्चों को वहीं मुश्किलें झेलनी पड़े, जैसा उन्होंने झेला। इसके बाद साल 2000 में उन्होंने गांव की सूरत बदलने की ठानी।

नारंगी बेचने से जो कमाई होती थी, उसमें से कुछ हिस्सा वे बचा लेते और गांव में ही एक जमीन पर उस बची हुई रकम से स्कूल खोलने की कोशिश शुरू हो गई। आखिरकार वे सफल रहे और और प्राथमिक विद्यालय खुल सका। हजब्बा का सपना है कि गांव में अब 12वीं तक का स्कूल खुल जाए। 

बता दें कि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को साल 2020 के लिए पद्म पुरस्कारों से राष्ट्रपति कोविंद ने सम्मानित किया। सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पुरस्कार समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी शामिल हुए। 

Web Title: Harekala Hajabba who sells oranges honored with Padma Shri by President Ramnath kovind

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