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हिरासत में किया गया उत्पीड़न, एनआईए ने आरएसएस, भाजपा में शामिल होने पर जमानत का दिया प्रस्ताव: अखिल

By भाषा | Updated: March 23, 2021 22:21 IST

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गुवाहाटी, 23 मार्च कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने जेल से मंगलवार को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि हिरासत में उन्हें मानसिक एवं शारीरिक यातनाएं दी गईं और एनआईए अधिकारियों ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने पर तत्काल जमानत देने का प्रस्ताव दिया।

गोगोई की नवगठित पार्टी रायजोर दल द्वारा जारी पत्र में आरोप लगाया गया है कि किसान नेता को अदालत की अनुमति के बिना 18 दिसंबर, 2019 को दिल्ली ले जाया गया था।

उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे एनआईए मुख्यालय में लॉकअप संख्या एक में रखा गया था और केवल एक गंदा कंबल दिया गया था। मैं तीन-चार डिग्री सेल्सियस तापमान में जमीन पर सोया।’’

गोगोई ने आरोप लगाया कि एनआईए अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें आरएसएस में शामिल होने पर तत्काल जमानत दिए जाने का प्रस्ताव दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जब इस अपमानजनक प्रस्ताव के खिलाफ दलील दे रहा था, तो उन्होंने भाजपा में शामिल होने का एक और प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मैं किसी रिक्त सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकता हूं और मंत्री बन सकता हूं।’’

आरटीआई कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें ‘कृषक मुक्ति संग्राम समिति’ (केएमएसएस) छोड़कर असम के लोगों का धर्मांतरण करके उन्हें ईसाई बनाए जाने के खिलाफ काम करने पर एक एनजीओ शुरू करने के लिए 20 करोड़ रुपए दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया था।

गोगोई ने कहा, ‘‘मैंने जब उनका कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया, तो उन्होंने मुख्यमंत्री या असम के किसी प्रभावशाली मंत्री से मुलाकात कराने का प्रस्ताव रखा। मैंने उसे भी ठुकरा दिया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने एनआईए का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया, तो उन्हें ‘‘अवज्ञा करने वाला नागरिक’’ करार दिया गया और उनके खिलाफ गंभीर मामले दर्ज किए गए।

गोगोई ने कहा, ‘‘मुझे प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। मुझे मौत की भी धमकी दी गई। मुझे 10 साल कारावास की सजा की धमकी दी गई। इतनी शारीरिक एवं मानसिक यातना झेलने के बाद 20 दिसंबर की रात मेरी तबियत खराब हो गई।’’

गोगोई को संशोधित नागरिकता कानून विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था।

इस बारे में सवाल किए जाने पर भाजपा प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ये सभी निराधार आरोप हैं और घटिया राजनीति के अलावा कुछ नहीं हैं। असम में चुनाव शुरू होने से मात्र चार दिन पहले पत्र जारी किया गया और ऐसा केवल मत हासिल करने के लिए किया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘असम के लोगों को समझ आ गया है कि अखिल गोगोई क्या हैं। असम के लोग बहुत परिपक्व हैं। उन्हें कोई मत नहीं देगा और वह अपनी जमानत भी गंवा देंगे।’’

गोगोई शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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