नई दिल्ली, 17 सितंबरः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार को जन्मदिन है। प्रधानमंत्री पद पर चार सालों का कार्यकाल पूरा कर चुके नरेंद्र मोदी पीएम रहते हुए अपना जन्मदिन अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मना रहे हैं। इससे पहले वह कई शिक्षण संस्थानों में जाकर छात्र-छात्राओं से मुलकात कर उन्हें स्वच्छता अभियान में जुड़ने की सलाह दे रहे हैं। वह अपने चार सालों के पीएम पद के कार्यकाल में लगातार 'मन की बात' व अन्य कार्यक्रमों के तहत छात्र-छात्राओं, शिक्षण संस्थानों आदि से जुड़े रहे हैं। ऐसे में कई बार उनकी अपनी शिक्षा को लेकर विपक्ष सवाल उठाता रहा है।
इस मामले में सबसे ज्यादा विवाद तब हुआ था जब एक साल 2017 के जुलाई महीने में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें पीएम मोदी अपनी पढ़ाई लिखाई की जानकारी दे रहे थे। वीडियो के शुरुआत में वह कहते हैं कि उन्होंने नियमित शिक्षा केवल 10वीं तक ली है। यानी उन्होंने स्कूल जाकर पठन-पाठन का कार्य केवल 10वीं तक पढ़ाई की है।
बाद में वह एक इंटरव्यू में कहते हैं कि उन्होंने 10वीं से आगे की पढ़ाई पत्रचार से की है। असल में उन्होंने जल्दी घर छोड़ दिया था। इंटरव्यू में वह कहते हैं कि उन्होंने उच्च शिक्षा दिल्ली आने के बाद शुरू की। लेकिन वह कॉलेज जाकर नहीं पढ़े।
ये रहा पीएम मोदी का पूरा इंटरव्यू जिसमें उन्होंने अपनी पढ़ाई का भी जिक्र किया-
लेकिन किसी जमाने में सबकी पोल-खोल करने वाले नेता अरविंद केजरीवाल ने पार्टी बनाने के बाद दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पीएम मोदी की दिल्ली में की गई पढ़ाई पर सवाल खड़े किए थे। तब केजरीवाल ने भी एक पीएम मोदी का ही वीडियो जारी किया था। इसमें वह कहते हैं, "मेरी पढ़ाई नहीं हुई है। मैं 10 साल की उम्र में घर छोड़कर चला गया था।" इसके आगे पीएम मोदी उसी मंच पर शिक्षा को लेकर बात कर रही एक महिला का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि अभी मैडम ने बताया लोग शिक्षा के चलते आगे नहीं बढ़ते, मैं इसी लिए आगे बढ़ गया क्योंकि मैंने शिक्षा नहीं ली।
अपने शिक्षा संबंधी विवाद पर पीएम मोदी ने कभी कोई बयान नहीं दिया। उनकी ओर से बीजेपी नेता रैलियों-जनसभाओं में उन लोगों पर हमला करते रहे, जो पीएम मोदी की शिक्षा पर सवाल उठाते हैं।
पिछले साल जब मामला अधिक तूल पकड़ लिया था, तब एक आरटीआई के जवाब में गुजरात यूनिवर्सिटी ने पीएम मोदी की मास्टर्स की डिग्री सार्वजनिक की थी। लेकिन डिग्री आने के बाद यह विवाद उठा कि पीएम मोदी की स्नातक की डिग्री कभी सामने नहीं आई। जबकि पीएम मोदी की ओर से चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और गुजरात से मास्टर्स की डिग्री ली। लेकिन जब कभी भी उनकी स्नातक की डिग्री मांगी गई, तब उसे निजी जानकारी बताकर टाल दिया गया। हालांकि गुजरात यूनिवर्सिटी से उनके पॉलिटिकल साइंस में एमए करने की डिग्री सार्वजनिक है।
विवाद के बाद गुजरात यूनिवर्सिटी के तात्कालिक कुलपति एमएन पटेल ने बताया था कि नरेंद्र मोदी ने फर्स्ट ईयर में 400 में 237 अंक हासिल किए थे। दूसरे यानी अंतिम साल में उन्होंने 400 में 262 अंक अर्जित किए। दोनों सालों का उनका योग 499 रहा, कुल 800 अंकों में। इस लिहाज से वह वह फर्स्ट क्लास पास हुए थे।
उनके अनुसार पीएम मोदी ने साल 1981 में गुजरात यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था। तब उन्होंने प्रवेश फॉर्म में नरेंद्र कुमार मोदी लिखा था। लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम नरेंद्र मोदी कर लिया था। जबकि उनकी हाईस्कूल की मार्कशीट में नरेंद्र दामोदरदास मोदी उनका नाम दिखाई देता है। साल 1983 में उन्होंने मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की थी। जबकि गुजरात के विसनगर के एक कॉलेज से उनके इंटरमीडिएट पास करने की बात होती है। लेकिन उस कॉलेज के पास ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मौजूद है।