Happy Birthday Arvind Kejriwal: राजनीति से पहले के अरविंद केजरीवालः एक असाधारण नायक के बनने की कहानी!

By आदित्य द्विवेदी | Updated: August 16, 2018 07:47 IST2018-08-16T07:47:38+5:302018-08-16T07:47:38+5:30

Arvind Kejriwal Birthday Special:अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। और यहीं से शुरू होता है अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक दौर!

Happy Birthday Arvind Kejriwal: Untold Story in Hindi From Un-Political Arvind Kejriwal to making of a legend | Happy Birthday Arvind Kejriwal: राजनीति से पहले के अरविंद केजरीवालः एक असाधारण नायक के बनने की कहानी!

Happy Birthday Arvind Kejriwal| अरविंद केजरीवाल जन्मदिन विशेष

साल 2012 की बात है। राजधानी दिल्ली स्थित मकान का एक छोटा सा कमरा। कमरे में अरविंद केजरीवाल मौजूद हैं। उनके साथ मनीष सिसोदिया,  प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और कुमार विश्वास जैसे कुछ अन्य बुद्धिजीवी बैठे हुए हैं। जन-लोकपाल बिल के लिए देशभर में फैली चिंगारी से कैसे घर रौशन करना है इस पर गहरी मंत्रणा चल रही है। सभी ने बारी-बारी से अपनी बातें रखी। सबको सुनने के बाद अरविंद केजरीवाल थोड़ी देर चुप रहे। उसके बाद उन्होंने गहरी सांस लेते हुए कहा- हम चुनाव लड़ेंगे। कमरे में मौजूद सभी के चेहरे एक अनजाने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित लेकर आत्मविश्वास से भरे हुए थे। 2 अक्टूबर 2012 को गांधी जयंती के दिन अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में उतर कर राजनीति की गंदगी साफ करने की घोषणा की। भारतीय संविधान की वर्षगांठ के दिन 26 नवंबर 2012 को औपचारिक रूप से आम आदमी पार्टी का गठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर किया गया। पार्टी ने साल 2013 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव लड़े और देश की ट्रेडिशनल पार्टियों से त्रस्त दिल्ली की जनता ने केजरीवाल पर भरोसा किया। केजरीवाल ने 28 दिसंबर 2013 को दिल्ली के 7वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 

अरविंद केजरीवाल की जिंदगी का ये एक बड़ा पड़ाव था। आज उनके 50वें जन्मदिन के मौके पर हम लेकर आए हैं अरविंद केजरीवाल के इस पड़ाव तक पहुंचने का सफरनामा। राजनीति में आने से पहले अरविंद केजरीवाल के नायक बनने की कहानी।

16 अगस्त 1968 को कृष्ण जन्माष्टमी थी। लोग देशभक्ति से निकलकर कृष्ण भक्ति में डूबे हुए थे। हरियाणा के भिवानी जिले के सिवानी गांव में एक शिक्षित मध्यमवर्गीय बनिया परिवार में एक पुत्र का जन्म हुआ। ना था अरविंद केजरीवाल। लेकिन जन्माष्टमी को पैदा होने के कारण पिता गोबिंद राम केजरीवाल और मां गीता देवी उन्हें प्यार से कृष्णा बुलाते थे। केजरीवाल के पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनयर थे इसलिए उनकी परवरिश सोनीपत, गाज़ियाबाद और हिसार जैसे उत्तर भारतीय शहरों में हुई। 

केजरीवाल बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रहे। साल 1985 में उन्होंने आईआईटी-जेईई क्लियर किया। उनकी ऑल इंडिया रैंक 563 थी। केजरीवाल ने आईआईटी खड्गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद 1989 में टाटा स्टील में नौकरी शुरू कर दी। उन्होंने 1992 में टाटा की नौकरी छोड़ दी और सिविल सेवा की तैयारी करने लगे। तेज दिमाग का असर था कि उन्हें जल्दी ही सफता मिल गईष 1992 में वे भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस) के एक भाग, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में आ गए और उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया। जल्दी ही उन्हें लगा कि कि सरकार में बहुप्रचलित भ्रष्टाचार के कारण प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। अपनी अधिकारिक स्थिति पर रहते हुए ही उन्होंने, भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम शुरू कर दी।

जनवरी 2000 में केजरीवाल ने छुट्टी लेकर नागरिक आंदोलन 'परिवर्तन' की स्थापना की। इसके बाद 2006 में आईआरएस की नौकरी से इस्तीफा देकर पूरी तरह से 'परिवर्तन' का काम करने लगे।  अरुणा रॉय, गोरे लाल मनीषी और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया।

जुलाई 2006 में उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया। दूसरों को प्रेरित करने के लिए अरविन्द ने अब अपने संस्थान के माध्यम से एक आरटीआई पुरस्कार की शुरुआत की। अब तक उनके काम को लोगों ने नोटिस करना शुरू कर दिया था। 6 फरवरी 2007 को अरविंद केजरीवाल को आईबीएन के पुरस्कार 'Indian of the Year' के लिए नामित किया गया। केजरीवाल ने आरटीआई स्पष्ट करने के लिए गूगल में भी भाषण दिया। अरविंद केजरीवाल अबतक एक जंग जीत चुके थे। 

साल 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में जन लोकपाल आंदोलन की शुरुआत की। आंदोलन की इस चिंगारी से पूरे देश में शोले भड़क उठे। आजादी के बाद लोग एक एक ऐतिहासिक आंदोलन के गवाह बने। उसमें अन्ना हजारे के साथ कुछ सितारे चमके जिसमें एक अरविंद केजरीवाल भी थे। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। और यहीं से शुरू होता है अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक दौर!

English summary :
Happy Birthday Arvind Kejriwal: Know the untold story in hindi of Arvind Kejriwal from Un-political to making of political legend and Delhi's Chief Minister.


Web Title: Happy Birthday Arvind Kejriwal: Untold Story in Hindi From Un-Political Arvind Kejriwal to making of a legend

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