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हैदरपुरा मुठभेड़: पुलिस एसआईटी ने सुरक्षाबलों की किसी साजिश से किया इनकार

By भाषा | Updated: December 28, 2021 20:01 IST

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श्रीनगर, 28 दिसंबर हैदरपुरा मुठभेड़ की जांच कर रहे जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को कहा कि एक नागरिक विदेशी आतंकवादी के हाथों मारा गया जबकि मकान मालिक एवं एक स्थानीय आतंकवादी की मुठभेड़ में फंस जाने से मौत हुई, क्योंकि घर में छिपे आतंकवादी ने उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल किया।

यहां हैदरपुरा में 15 नवंबर को मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी एवं तीन अन्य व्यक्ति मारे गये थे। पुलिस ने दावा किया था कि मारे गये सभी व्यक्तियों का आतंकवाद से संबंध था। हालांकि इन तीन व्यक्तियों के परिवारों ने दावा किया था कि वे बेगुनाह थे और उन्होंने इस मुठभेड़ में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उसके बाद पुलिस ने जांच का आदेश दिया था।

मंगलवार को एसआईटी के प्रमुख उपमहानिरीक्षक सुजीत के सिंह ने एक प्रकार से सुरक्षाबलों को क्लीनचिट दी लेकिन यह भी कहा कि यदि कोई अन्य सबूत सामने आता है तो यह दल अपने निष्कर्ष पर पुनर्विचार करने को तैयार है।

एसआईटी प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अबतक की हमारी जांच से सामने आया है कि डॉ. मुद्दसिर गुल की मकान में छिपे विदेशी आतंकवादी ने हत्या की क्योंकि उसका शव छत पर मिला था। सुरक्षाबल तलाशी के दौरान या बाद के अभियान में छत पर बिल्कुल नहीं गये थे। ’’

जांच का ब्योरा देते हुए सिंह ने कहा कि जांच से पता चला है कि डॉ. गुल का कर्मचारी आमिर माग्रेय का विदेशी आतंकवादी ‘बिलाल भाई’ से घनिष्ठ संबंध था जो भागने की कोशिश के दौरान अभियान में मारा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मोहम्मद अल्ताफ भट (मकानमालिक) और आमिर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में फंस जाने से मारे गये क्योंकि उन्हें विदेशी आतंकवादी ने मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। यह इस बात से पुष्ट होती है कि अल्ताफ दरवाजे के बाहर मिला (उसे गोलियां लगी थीं) तथा आमिर कुछ और कदम तक जा पाया था। विदेशी आतंकवादी का शव 83 फुट दूर मिला था।’’

अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल रिकार्ड का परीक्षण करने के अलावा एसआईटी ने अबतक 20 से अधिक गवाहों की गवाही ली है। उन्होंने कहा, ‘‘ इनमें से छह गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज किये गये। ’’

जब सिंह से पूछा गया कि यदि सुरक्षाबलों के पास आतंकवादियों के अंदर छिपे होने की सूचना थी तो आम लोगों को क्यों घर की तलाशी के लिए भेजा गया, उसपर उन्होंने कहा कि भट ने यह कहते हुए खुद ही अंदर जाने की इच्छा प्रकट की थी कि ‘‘उसे पक्का यकीन है कि अंदर कोई छिपा नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ किसी भी वक्त उनमें से किसी ने भी सुरक्षाबलों को अंदर आतंकवादियों के छिपे होने के बारे में नहीं बताया और न ही कोई मदद मांगी।’’

आमिर की संलिप्तता के बारे में एसआईटी प्रमुख ने कहा कि मकान से मिले कोडी की बोतलें एवं सर्दी के कपड़े जैसे सामान बताते हैं कि वह छिपने का ठिकाना था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि आमित बार बार बांदीपुरा आ रहा था। कोई क्यों बांदीपुरा बार बार आएगा जब वह (उसका परिवार) 2008 में वहां से चला गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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