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जब इमरान खान UN में भाषण दे रहे थे, ये पाकिस्तानी लड़की उनकी पोल खोल रही थी

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: September 28, 2019 14:55 IST

महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर दुनियाभर का ध्यान खींचने के प्रयासों में लगीं मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल पाकिस्तानी अल्पसंख्यक महिलाओं की नई उम्मीद हैं।

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ठळक मुद्देगुलालई सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर आवाज उठा चुकी हैं। गुलालई ने पाकिस्तानी सेना के जवानों पर आरोप लगाया कि वे अल्पसंख्यक महिलाओं का रेप करते हैं, उन पर जुल्म-ओ-सितम करते हैं, कई महिलाओं तो गायब कर दी गईं, जिनका कुछ भी अता पता नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में शुक्रवार (27 सितंबर) को जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमराम खान भाषण दे रहे थे तब उनके देश की एक लड़की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर अपने प्रधानमंत्री और पाकिस्तानी सेना की पोल खोल रही थी। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर दुनियाभर का ध्यान खींचने के प्रयासों में लगीं मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल पाकिस्तानी अल्पसंख्यक महिलाओं की नई उम्मीद हैं। गुलालई सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर आवाज उठा चुकी हैं। गुलालई ने पाकिस्तानी सेना के जवानों पर आरोप लगाया कि वे अल्पसंख्यक महिलाओं का रेप करते हैं, उन पर जुल्म-ओ-सितम करते हैं, कई महिलाओं तो गायब कर दी गईं, जिनका कुछ भी अता पता नहीं है।

गुलालई के आरोपों के बाद पाकिस्तान में उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। गुलालई इन दिनों अमेरिका में राजनीतिक शरण पाने के प्रयासों में लगी हैं। शुक्रवार को वह न्यूयॉर्क में पाक सरकार और सेना के खिलाफ मुजाहिरों, पश्तूनों, बलूचों और सिंधियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल नजर आईं। कई प्रदर्शनकारियों ने हाथों में नारों लिखीं तख्तियां ले रखी थीं और वे नारेबाजी कर रहे थे- पाकिस्तान को अब बिल्कुल भी ब्लैंक चेक नहीं दो.. पाकिस्तानी सेना को राजनीति में दखल रोक देना चाहिए..। 

गुलालई ने इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा, ''आतंकवाद का सफाया करने के नाम पर पाकिस्तान नें कई पश्तूनों को जान से मार दिया गया, हजारों लोगों को पाकिस्तानी सेना के नजरबंदी केंद्रों और यातना गृहों में भेजा गया है।'' उन्होंने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सेना की तानाशाही चल रही है। 

गुलालई ने मीडिया को बताया कि उन्हें पाकिस्तान में अपने माता-पिता और अंडर ग्राउंड नेटवर्क को लेकर चिंता है, जिसने देश से निकलने में उनकी मदद की। 

कुछ दिन पहले अफगानिस्तान के पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख को रेडियो पर दिए एक इंटरव्यू में गुलालई ने आपबीती साझा की थी और बताया था कि वह कैसे जान बचाकर पाकिस्तान से निकलकर श्रीलंका और फिर अमेरिका तक पहुंची। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि अमेरिका उन्हें और उनके परिवार के साथ भगा देगा लेकिन वह अमेरिका में अपना संघर्ष जारी रखेंगी। 

पिछले वर्ष नवंबर में डॉन न्यूज ने खबर छापी थी कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि इस्माइल को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट से बाहर रखा जाए, इसके लिए गुलालई ने याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने हालांकि, पाकिस्तान के गृहमंत्रालय से कहा था कि वह गुलालई का पासपोर्ट जब्त करे और आईएसआई की सिफारिशों के आधार पर कार्रवाई करे। अमेरिका में गुलालई ने राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया है। वहां के वकीलों ने कहा कि ऐसी कम ही संभावना है कि अमेरिका गुलालई को पाकिस्तान वापस भेजेगा।

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