जैसी कि सबसे पहले संभावना व्यक्त की गई थी, खबर है कि- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी राजस्थान की नवगठित 15वीं विधानसभा के अध्यक्ष होंगे. राजस्थान में पहले मंत्रिमंडल के गठन के समय जोशी को मंत्री नहीं बनाने को लेकर सियासी क्षेत्रों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा था कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं दी गई, लेकिन अब साफ हो गया है कि उन्हें उनके सियासी कद के हिसाब से विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया जा रहा है.
वर्ष 2009 से 2013 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री रहे जोशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं तथा एक समय वे सीएम पद के प्रबल दावेदार भी थे, लिहाजा मंत्रिमंडल में कोई भी पद उनके सियासी कद के सापेक्ष ठीक नहीं माना जा रहा था, अब वे समकक्ष पद पर विधानसभा अध्यक्ष होंगे. जोशी के विस अध्यक्ष बनने के साथ ही दक्षिण राजस्थान का सियासी दंगल बेहद दिलचस्प हो जाएगा, क्योंकि इधर बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया हैं, तो उधर कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी होंगे.
इस बार विस चुनाव में दक्षिण राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी, दोनों को उम्मीदों के अनुरूप कामयाबी नहीं मिली थी तो बीटीपी, जनता सेना जैसे दलों का उदय भी बड़ा सवाल बन कर उभरा है. कांग्रेस और बीजेपी, दोनों दलों के सामने दक्षिण राजस्थान की आधा दर्जन सीटें बचाने की चुनौती तो है ही, बीटीपी, जनता सेना के बढ़ते प्रभाव को रोकना भी आसान नहीं है.
संगठन के नजरिए से तो कांग्रेस-बीजेपी, दोनों ही दलों में गुटबाजी और भितरघात प्रभावी है, किन्तु संगठनात्मक दृष्टि से बीजेपी, कांग्रेस के सापेक्ष बेहतर स्थिति में है. दक्षिण राजस्थान लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा है, किन्तु अब सियासी तस्वीर वैसी नहीं है. लोस चुनाव में दोनों दलों की राजनीतिक परीक्षा है कि भविष्य में दक्षिण राजस्थान में किसका दबदबा कायम रहेगा.