औद्योगिक विवाद अधिनियम में गुजरात के संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली

By भाषा | Updated: January 9, 2021 20:38 IST2021-01-09T20:38:09+5:302021-01-09T20:38:09+5:30

Gujarat's amendment to the Industrial Disputes Act got the President's approval. | औद्योगिक विवाद अधिनियम में गुजरात के संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली

औद्योगिक विवाद अधिनियम में गुजरात के संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली

अहमदाबाद, नौ जनवरी औद्योगिक विवाद अधिनियम में गुजरात के संशोधन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्वीकृति मिल गई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

यह संशोधन छंटनी और मुआवजे के संदर्भ में उद्योगों पर अनुपालन भार घटाते हुए कारोबार की सुगमता बढ़ाने का प्रावधान करता है।

उन्होंने बताया कि औद्योगिक विवाद (गुजरात संशोधन) विधेयक, 2020 को राज्य विधानसभा ने पिछले साल 22 सितंबर को पारित किया था। इसे एक जनवरी को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई।

चूंकि औद्योगिक विवाद अधिनियम एक केंद्रीय कानून है, इसलिए राज्यों को उसमें किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी जरूरी है।

राज्य के श्रम एवं रोजगार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विपुल मित्रा ने बताया कि संशोधन का उद्देश्य कारोबार को और अधिक सुगम बनाना है। ये औद्योगिक सुधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के मुताबिक मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निर्देशों पर किये गये हैं।

औद्योगिक विवाद अधिनियम,1947 के मुताबिक 100 या इससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को छंटनी, प्रतिष्ठान बंद करने से पहले राज्य सरकार की पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होती थी, जबकि संशोधन के जरिए श्रमिकों की यह संख्या बढ़ा कर 300 कर दी गई है।

राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसी तरह छंटनी के मामलों में अबतक श्रमिकों को उनके प्रत्येक साल की सेवा के लिए 15 दिनों का वेतन मुआवजे के तौर पर देने की जरूरत होती थी। हालांकि, अब श्रमिक मुआवजे के तौर पर अंतिम तीन महीनों के औसत वेतन के बराबर की राशि भी प्राप्त करेंगे।

पहले छंटनी के लिए श्रमिकों को तीन महीने की नोटिस या नोटिस अवधि के लिए पारिश्रमिक देने की जरूरत होती थी , जबकि संशोधन के मुताबिक अब श्रमिकों को तीन महीने का नोटिस भर देकर प्रतिष्ठान से निकाला जा सकता है।

मित्रा ने कहा कि (प्रतिष्ठानों को) ये छूट दिये जाने का उद्देश्य उद्योगों पर अनुपालन भार घटाना है, जिससे राज्य को और अधिक रोजगार सृजन के लिए नये उद्योगों एवं निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उद्योगों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है और इससे आर्थिक वृद्धि भी प्रभावित हुई है। सरकार आर्थिक वृद्धि को पटरी पर वापस लाने के लिए एक सहायक की भूमिका निभा रही है।

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Web Title: Gujarat's amendment to the Industrial Disputes Act got the President's approval.

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