भाजपा गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में है. इस बार उसके निशाने पर कांग्रेस के ओबीसी विधायक भरत ठाकोर समेत कुछ बड़े चेहरे हैं. कांग्रेस भी हालांकि घर बचाने में जुटी है. राज्यसभा उपचुनाव के पहले कुछ कांग्रेस विधायकों को तोड़ने में भाजपा को कामयाबी मिली, पर तब उतने विधायक नहीं टूट पाए, जितनी उम्मीद थी. तब केवल अल्पेश ठाकोर और धवल् सिंह झाला ही भाजपा के पाले में आ पाए थे.
अगले राज्यसभा चुनाव पर नजर राज्यसभा उपचुनाव में तो भाजपा ने अलग अधिसूचना के जरिये दोनों सीटों को बरकरार रख लिया. लेकिन, उसकी नजर अब अगले साल होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव पर है. तब गुजरात से उच्च सदन की चार सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव होंंगे.
इन्हीं सीटों पर कब्जा जमाने की रणनीति भाजपा अभी से बना रही है. वर्तमान में 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा का संख्या बल 100 है. कांग्रेस के 69 विधायक हैं. बीटीपी के दो, राकांंपा का एक और एक निर्दलीय है. कुल 9 सीटें खाली हैं, जिनमें से 6 पर अक्तृबर तक उप चुनाव करा लिए जाएंगे. बॉक्स कांग्रेस के 15 असंतुष्ट विधायक राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों पर नजर गड़ाए हुए है.
लगभग 15 ऐसे चेहरे हैं, जो किसी न किसी बात को लेकर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेतृत्व से असंतुष्ट हैं. उनके असंतोष को भुनाने के लिए भाजपा नेतृत्व सियासी गोटियां फिट करने में लगा है. भरत-धर्मेंद्र मुलाकात बेचराजी के कांग्रेस विधायक भरतभाई ठाकोर से इसी सप्ताह केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मुलाकात को इसी रणनीति की कड़ी माना जा रहा है.
ठाकोर के भाजपा में आने की चर्चा राज्यसभा उपचुनाव के समय चली थी. लेकिन, ऐन मौके पर उन्होंंने यह कहकर कि 'मैं कांग्रेस में ही हूं', चर्चा को विराम दे दिया था. अब अपने स्वजातीय सांसद मित्र जुगलभाई ठाकोर के फार्महाउस पर प्रधान से हुई मुलाकात के बाद भरत ठाकोर के पाला बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं.