लाइव न्यूज़ :

गुजरात दंगे: शीर्ष अदालत ने मोदी को एसआईटी की क्लीन चिट पर ज़किया जाफरी की याचिका पर सुनवाई टाली

By भाषा | Updated: April 13, 2021 17:30 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने 2002 के दंगों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट देने को चुनौती देने वाली कांग्रेस के दिवंगत सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को दो हफ्तों के लिए स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि मामले को दो हफ्ते बाद सूचीबद्ध किया जाएगा क्योंकि याचिकाकर्ता ने एक पत्र लिखकर मामले को स्थगित करने का आग्रह किया है।

शीर्ष अदालत ने 16 मार्च को मामले को सुनवाई के लिए 13 अप्रैल को सूचीबद्ध किया था और कहा था कि वह सुनवाई स्थगित करने के लिए और आग्रहों को स्वीकार नहीं करेगा।

पीठ ने पिछले महीने जाफरी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के आग्रह का संज्ञान लिया था जिन्होंने कहा था कि इस मामले पर अप्रैल में सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि कई वकील मराठा आरक्षण मामले को लेकर व्यस्त हैं जिसकी सुनवाई तब पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ कर रही थी।

गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई को स्थगित करने का विरोध किया था।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल फरवरी में मामले को सुनवाई के लिए 14 अप्रैल 2020 की तारीख मुकर्रर करते हुए कहा था कि मामला कई स्थगित हो चुका है और इसे किसी दिन तो सुना जाएगा।

इससे पहले, जकिया के वकील ने शीर्ष अदालत से कहा था कि याचिका पर एक नोटिस जारी करने की जरूरत है क्योंकि यह 27 फरवरी 2002 से मई 2002 तक कथित ‘बड़े षडयंत्र’ से संबंधित हैं।

उल्लेखनीय है कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगाए जाने में 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे। दंगों में मारे गए इन लोगों में एहसान जाफरी भी शामिल थे।

घटना के करीब 10 साल बाद आठ फरवरी, 2012 को एसआईटी ने मोदी तथा 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की थी। मोदी अब देश के प्रधानमंत्री हैं।

क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया था कि जांच एजेंसी को आरोपियों के खिलाफ ‘‘अभियोग चलाने योग्य कोई सबूत नहीं मिले’’।

जकिया ने एसआईटी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के आदेश को 2018 में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत