गांधीनगरः गुजरात में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में निर्दलीय विधायकों के तौर पर निर्वाचित हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन बागी नेताओं ने मंगलवार को राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी को अपना समर्थन दे दिया।
गांधीनगर में नव गठित 15वीं विधानसभा का मंगलवार को पहला सत्र शुरू होने के मद्देनजर तीन निर्दलीय विधायकों -धवलसिंह जाला, धर्मेंद्रसिंह वाघेला और मावजीभाई देसाई ने गांधीनगर में राज भवन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और उन्हें भाजपा को समर्थन देने के अपने फैसले की सूचना दी।
तीनों विधायकों ने सत्तारूढ़ भाजपा को अपना समर्थन देने संबंधी पत्र भी राज्यपाल को सौंपा। अपने पत्रों में विधायकों ने कहा कि उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के जन समर्थक कार्यों से प्रेरित हैं।
बाद में तीनों विधायकों ने नव निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी से मुलाकात की तथा सत्तारूढ़ पार्टी को समर्थन देने का अपना फैसला उन्हें बताया। हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा ने कुल 182 सीटों में से 156 सीटें जीतकर सत्ता फिर से हासिल की। जाला, वाघेला और देसाई निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने से पहले भाजपा का हिस्सा थे।
भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय के तौर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। भाजपा ने उन्हें निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर निलंबित कर दिया था। जाला ने अरावली जिले की बायड सीट से जीत दर्ज की जबकि वाघेला ने वडोदरा में वाघोड़िया सीट से तथा देसाई ने बनासकांठा की धनेरा सीट से जीत हासिल की।
राज भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में तीनों विधायकों ने अपने फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इससे उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास होगा। जाला ने कहा, ‘‘चूंकि भाजपा सत्ता में है तो हम तीनों ने बिना किसी स्वार्थ के भाजपा सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है।
हम केवल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य सुचारू रूप से हो।’’ ऐसे ही विचार वक्त करते हुए वाघेला ने कहा, ‘‘हमने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए भाजपा सरकार को समर्थन दिया है और हमने यह फैसला लेने से पहले उनसे विचार-विमर्श भी किया। मैं शुरुआत से भाजपा के साथ था।’’
शंकर चौधरी निर्विरोध गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शंकर चौधरी मंगलवार को निर्विरोध गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। वहीं गांधीनगर में 15वीं राज्य विधानसभा के पहले सत्र के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक जेठाभाई भारवाड को निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना गया। विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) ने भी सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक चौधरी और भारवाड का समर्थन किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चौधरी, जबकि राज्य के वित्त मंत्री कन्नू भाई देसाई ने भारवाड का नाम सुझाया था। बनासकांठा जिले की थराड सीट के प्रतिनिधि चौधरी 2014 और 2017 के बीच आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। 2017 में वाव सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
भारवाड पंचमहल जिले की शेहरा विधानसभा सीट से छह बार के विधायक हैं। वह 2021 से 2022 के बीच 14वीं विधानसभा में एक साल के लिए उपाध्यक्ष रह चुके हैं। भारवाड पंचमहल डेयरी के, जबकि चौधरी बनास डेयरी के अध्यक्ष हैं। इससे पहले निर्वाचित विधायकों ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली थी।