अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के तहत केंद्र से 12 हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की बृहस्पतिवार को मांग की। गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि राज्य को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में वित्तीय मदद की सख्त आवश्यकता है, लेकिन गिरते उपकर राजस्व से केंद्र सरकार के भी हाथ बंधे हुए हैं।
पटेल के पास राज्य के वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने बृहस्पतिवार को जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये भाग लिया। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘इस बैठक का मुख्य एजेंडा कोरोना वायरस के कारण राजस्व की कमी के लिये राज्यों को क्षतिपूर्ति देने का तरीका तरीका पता लगाना था।’’
पटेल ने कहा, ‘‘गुजरात को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 12 हजार करोड़ रुपये मिलने चाहिये। हालांकि, हमें राज्य को सुचारू रूप से चलाने के लिये धन की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र ने कहा है कि इस समय भुगतान करना मुश्किल है।" उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के लिये कुल जीएसटी क्षतिपूर्ति का आंकड़ा लगभग तीन लाख करोड़ रुपये है।
केंद्रीय जीएसटी अधिनियम के तहत एक जुलाई 2017 से जीएसटी कार्यान्वयन के पहले पांच वर्षों में राजस्व के नुकसान के मुआवजे के लिये राज्य हकदार हैं। पटेल ने कहा, ‘‘अब तक केंद्र हमें क्षतिपूर्ति देने के लिये लक्जरी वस्तुओं पर उपकर राजस्व का उपयोग कर रहा था। लेकिन इस बार, उस स्रोत से क्षतिपूर्ति की संभावना कम है, क्योंकि केंद्र के उपकर राजस्व में भी गिरावट हुई है।’’
पटेल ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया गया था, उसमें राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के लिये ऋण लेना शामिल था। उन्होंने कहा कि राज्यों से सात दिनों में अपने सुझाव देने को कहा गया है।