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पूर्व छात्र ने वीसी ऑफिस में लगा दी आग, कहा- 11 साल से यूनिवर्सिटी नहीं दे रही थी डिग्री, हो गया था हताश

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: February 3, 2018 08:02 IST

एस चंद्रमोहन ने साल 2007 में देवी दुर्गा और ईसा मसीह के चित्र बनाए थे जिनके खिलाफ ईसाई और हिन्दू सगंठनों ने विरोध किये थे और उन पर मुकदमा दर्ज कराया था।

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गुजरात के वडोदरा में स्थित महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय (एमएसयू) के एक पूर्व छात्र ने विश्वविद्लाय के मुख्य कार्यालय के कई कमरों में शुक्रवार (02 फ़रवरी) आग लगा दी। एस चंद्रमोहन ने विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय (फाइन आर्ट फैकल्टी) से एमए किया था। चंद्रमोहन ने पुलिस को बताया कि वो विश्वविद्यालय द्वारा उसे पिछले 11 साल से परास्नातक की डिग्री न दिए जाने से आजिज आ चुका था। चंद्रमोहन शुक्रवार (दो फरवरी) शाम पाँच बजे विश्वविद्यालय पहुँचा। उसके पास पेट्रोल और टॉय गन थी। एमएसयू के मुख्य कार्यालय में पहुँचकर उसने पेट्रोल छिड़ककर भूतल पर स्थित कमरों में आग लगा दी।

आग लगने के बाद कार्यालय में भगदड़ मच गयी। सूचना मिलने पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने चंद्रमोहन को पकड़ लिया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चंद्रमोहन ने भागने की कोशिश भी नहीं की, न ही अन्य तरीके से प्रतिरोध किया। सयाजीगंज पुलिस थाने से पुलिस मौके पर पहुँची और चंद्रमोहन को गिरफ्तार कर लिया। चंद्रमोहन ने पुलिस से कहा कि उसने 11 साल से डिग्री नहीं मिलने की वजह से हताश होकर ये कदम उठाया। 

एक पुलिस वाले ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चंद्रमोहन के अनुसार उसने साल 2007 में एमए किया था लेकिन उसे डिग्री नहीं दी गयी। चंद्रमोहन ने पुलिस को बताया कि उसने डिग्री के लिए पिछले 11 सालों में 25 से ज्यादा अर्जियाँ लिखीं लेकिन किसी पर सुनवाई नहीं हुई। विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार नीरजा जायसवाल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वो मामले की जाँच करवा रही हैं क्योंकि किसी भी छात्र को डिग्री देने में इतनी देर नहीं होती।  रिपोर्ट के अनुसार चंद्रमोहन साल 2007 में उस समय विवाद में आ गये थे जब उन्होंने एमएसयू में पढ़ाई के दौरान ईसा मसीह और देवी दुर्गा के कुछ चित्र बनाए थे जिन पर विवाद हो गया था। ईसाई संगठनों और हिन्दू संगठनों ने वडोदरा में चंद्रमोहन के चित्रों के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। चंद्रमोहन ने ईसा मसीह को टॉयलेट पर बगैर कपड़ों के केवल टॉयलेट पेपर के लपेटे हुए दिखा दिया था। चंद्रमोहन ने एक चित्र में एक महिला का नग्न दिखाया था। महिला की योनि से बच्चा बाहर आ रहा था जिसके हाथ में त्रिशुल था। चित्र को "दुर्गा माता" नाम दिया गया था।

विरोध करने वाले संगठनों ने चंद्रमोहन के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। चंद्रमोहन को अपनी कला के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। साल 2006 में उन्हें ललित कला अकादमी के 49वें राष्ट्रीय प्रदर्शनी में उनके चित्र रिमोर्स-1 के लिए मिला पुरस्कार भी शामिल है।

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