गुजरात चुनाव 2022: भाजपा की सूची में बड़े चेहरे नदारद, केवल मोदी के नाम और काम पर लड़ेगी चुनाव
By शरद गुप्ता | Published: November 10, 2022 07:42 PM2022-11-10T19:42:40+5:302022-11-10T19:42:40+5:30
भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ निमाबेन आचार्य, पूर्व गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, पूर्व वित्त मंत्री सौरभ पटेल आदि के टिकट काट दिए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को घोषित 160 उम्मीदवारों की सूची उसकी आगामी राजनीति का संकेत है। चुनाव में विजय के लिए उम्मीदवार का चेहरा महत्वपूर्ण नहीं है। नगर निगम से लेकर लोकसभा तक हर चुनाव में विजय के लिए भाजपा को केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा चाहिए।
पिछले वर्ष विजय रुपाणी की जगह पहली बार चुने गए भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के साथ उनके मंत्रिमंडल में सभी नए चेहरों को लाया जाना एक शुरुआत भर थी। उसी क्रम में पार्टी ने पिछले चुनाव में उतारे 182 उम्मीदवारों में से अभी तक 84 के टिकट काट दिए हैं
इनमें 38 वर्तमान विधायक हैं जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री रुपाणी पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ निमाबेन आचार्य, पूर्व गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, पूर्व वित्त मंत्री सौरभ पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरसी फालदू, पूर्व विधि एवं शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा के अलावा राजेंद्र त्रिवेदी, प्रदीप परमार सहित पांच वर्तमान मंत्रियों के टिकट काट दिए गए हैं। मजे की बात यह है कि इनमें से अधिकतर ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष विहार पाटिल को खुद पत्र लिखकर चुनाव न लड़ने का आग्रह किया था।
भाजपा द्वारा एक तिहाई टिकट पहली बार चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को दिए गए हैं। इससे पूर्व वर्तमान विधायकों से उपजी नाराजगी को भी खत्म करने में पार्टी को मदद मिलेगी। चूंकि गुजरात में भाजपा पिछले 25 वर्षों से सत्ता में है इसलिए उसे जीतने के लिए नए चेहरों की जरूरत पढ़ रही है।
केवल जीतने की क्षमता
पार्टी के एक केंद्रीय पदाधिकारी के अनुसार उम्मीदवारों के चयन में स्थानीय इकाई की राय के अलावा उनके जीतने की क्षमता ही सबसे बड़ा कारण रहा। इसीलिए कांग्रेस से दल बदल कर हाय प्रद्युमन सिंह जडेजा, अश्वनी कोतवाल, हर्षद रिबाडिया, कुंवर जी बावरिया, जीतू चौधरी, जवाहर चावड़ा, भागा बराड़ और राजेंद्र सिंह राठौड़ जैसे लोगों को टिकट दिया गया जबकि एक और दलबदलू धर्मेंद्र सिंह जडेजा को टिकट नहीं दिया गया है।
नगर निगम से लोकसभा तक
चाहे मध्य प्रदेश हो दिल्ली या महाराष्ट्र हर राज्य में नगर निगम से लेकर लोकसभा तक भाजपा अब केवल प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। 2017 में पुणे नगर निगम में पहली बार बहुमत पाकर उसे अपना मेयर बनाने का मौका मिला. इस बार 4 दिसंबर को दिल्ली नगर निगम के चुनाव भी पार्टी केवल मोदी के नाम और काम पर लड़ेगी। इसीलिए संभावित उम्मीदवारों से अपने पसंदीदा वार्ड के अलावा कम से कम चार वार्ड के नाम मांगे जा रहे हैं जहां से वे चुनाव लड़ सकते हैं।