अहमदाबाद: देश में कोरोना से जंग के लिए जारी टीकाकरण के बीच गुजरात के दाहोद जिले से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां रविवार को नरेश देसाई के नंबर पर एक मैसेज आया कि उनके पिता को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। ये मैसेज रविवार को सुबह करीब 8.50 में आया जब टीकाकरण की शुरुआत भी नहीं हुई थी।
हालांकि, सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि जिन्हें वैक्सीन लगाए जाने का मैसेज आया, वे जिंदा ही नहीं है। नरेश देसाई के पिता नटवरलाल देसाई का निधन 93 साल की उम्र में 2011 में हो गया था। उस समय कोरोना का नामोनिशान तक नहीं था।
निधन के दस साल साल बाद उनके नाम पर वैक्सीन लगाए जाने का मैसेज परिवार वालों को भी हैरान कर गया। इस बीच जांच में ये बात सामने आई है कि मृतक का पैन नंबर और उनकी पोती का पैन नंबर एक जैसा ही था।
गुजरात में और भी आए हैं ऐसे मामले
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार दाहोद के जिला कलेक्टर विजय खराडी ने कहा, "हमने इस संबंध में आयकर विभाग से विवरण मांगा है।"
हालांकि, अधिकारी अभी भी इस बात की जांच कर रहे हैं कि मैसेज में उनकी पोती के बजाय मृतक का नाम क्यों आया। बता दें कि मृतकों को वैक्सीन लगाए जाने संबंधी ऐसे मामले गुजरात में और भी आए हैं।
ऐसा ही एक मामला लिमडी शहर के जालोद में भी सामने आया। जालोद में ही रहने वाली निपुल शर्मा को इस हफ्ते पता चला है कि उनकी मां मधु शर्मा (72) को कोविड- 19 का टीका लग गया है। हालांकि मधु शर्मा की 15 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हो गई थी।
निपुल शर्मा ने इस मामले मे अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि दूसरी खुराक लेने के पहले ही उसकी मां को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही निपुल ने बताया कि उनकी माँ को टीके की पहली खुराक 2 मार्च को दी गई थी।
वहीं जब इस विषय में दाहोद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर डी पहाड़िया से बातचीत की गई तो उन्होने कहा कि, 'स्थानीय अधिकारी लिमडी घटना की जांच कर रहे हैं , हम इस मैसेज के पीछे के कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।'