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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस्तीफा दिया

By भाषा | Updated: September 11, 2021 21:40 IST

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अहमदाबाद, 11 सितंबर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रूपाणी ने किन कारणों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, जहां 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी (65) चौथे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

रूपाणी के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद भाजपा के संगठन महासचिव बी एल संतोष तथा गुजरात राज्य इकाई के पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि रविवार को संभावित विधायक दल की बैठक में रूपाणी के उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा हो सकती है।

रूपाणी ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पांच साल तक राज्य की सेवा करने का अवसर दिया गया। मैंने राज्य के विकास में योगदान दिया। आगे मेरी पार्टी जो काम देगी, मैं करुंगा।’’

रूपाणी ने कहा, ‘‘भाजपा में यह परंपरा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां समय-समय पर बदलती हैं। पार्टी भविष्य में मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे लेने को तैयार रहूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की जनता की सेवा करने का यह अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।’’

रूपाणी और राज्य मंत्रिमंडल में उनके सहयोगियों ने राज्यपाल से मुलाकात की और अपने इस्तीफे सौंपे।

इस्तीफे की वजह पूछने पर रूपाणी ने कहा, ‘‘भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए यह रिले रेस की तरह है। इसमें एक कार्यकर्ता दूसरे को मशाल सौंपता है।’’

राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी इस बारे में फैसला करेगी। उन्होंने प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल के साथ मतभेदों की बात को खारिज कर दिया।

रूपाणी जैन समुदाय से आते हैं, जिसकी राज्य में करीब दो प्रतिशत आबादी है। इस तरह की अटकलें हैं कि उनका उत्तराधिकारी पाटीदार समुदाय से हो सकता है।

रूपाणी पहली बार सात अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला था। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद दूसरी बार राज्य की बागडोर संभाली।

इस साल सात अगस्त को मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल पूरा करने वाले रूपाणी शनिवार को सरदारधाम भवन के उद्घाटन में उपस्थित थे, जिसमें मोदी ने ऑनलाइन शिरकत की।

विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात के नए मुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। इनमें उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य के कृषि मंत्री आर सी फल्दू और केंद्रीय मंत्रियों पुरषोत्तम रूपाला एवं मनसुख मांडविया के नामों की अटकलें लगाई जा रही हैं। एक पार्टी नेता ने कहा कि यह कहना असंभव होगा कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा क्योंकि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे।

नितिन पटेल की तरह प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।

कोविड-19 की लहर के बीच भाजपा ने शासन में बदलाव का जो दौर शुरू किया, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के बाद भी जारी नजर आ रहा है। भाजपा ने हाल में ही लिंगायत समुदाय से आने वाले दिग्गज नेता बी एस येदियुरप्पा की जगह कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में एक अन्य लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को नियुक्त किया।

उत्तराखंड में उसने दो ठाकुर मुख्यमंत्रियों को एक के बाद एक हटाया और फिर एक अन्य ठाकुर नेता को कुर्सी पर बैठाया। वहीं गुजरात में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सियासी रूप से कम महत्वपूर्ण जैन समुदाय से आने वाले रूपाणी की जगह किसी पाटीदार को कमान सौंपी जा सकती है। पाटीदार पश्चिमी राज्य का सबसे बड़ा समुदाय है।

असम में भी देखा गया कि पार्टी ने पांच साल मुख्यमंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल की जगह इस बार विधानसभा चुनाव के बाद हिमंत बिस्व सरमा पर दांव लगाया। हालांकि, इसे सोनोवाल के काम में किसी तरह की कमी के बजाय सरमा को पार्टी की तरफ से दिए गए इनाम के तौर पर देखा गया। सोनोवाल को पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी है।

इस बीच रूपाणी के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इतालिया ने कहा कि भाजपा की मुख्यमंत्रियों को बदलने की परंपरा है और राज्य में आम आदमी पार्टी द्वारा बनाये गये नैतिक दबाव की वजह से रूपाणी को इस्तीफा देना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘2001 में भूकंप के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल को बदला गया। फिर 2015 में शुरू हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान आनंदी बेन पटेल को हटाया गया और अब विजय रूपाणी को।’’

निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने रूपाणी को राज्य में कोविड महामारी के दौरान कथित अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह कोविड संकट के अपने कुप्रबंधन के लिए इस्तीफा देते तो गुजरात के लोग तारीफ करते।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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