Gujarat BJP: गुजरात में विधानसभा चुनाव 2022 में है। भाजपा ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और 22 मंत्रियों को हटा दिया। बीजेपी ने सरकार का चेहरा नया कर दिया। विजय रुपाणी को हटाकर पहली बार विधायक भूपेंद्र पटेल को सीअएम पद से नवाजा।
विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी की जगह निमा आचार्य को विधानसभा स्पीकर बनाया। गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नीत मंत्रिमंडल में बृहस्पतिवार को 24 मंत्रियों को शामिल किया गया, जिनमें 21 सदस्य पहली बार मंत्री बने हैं। पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल का कोई सदस्य नए मंत्रिमंडल में नहीं है।
गुजरात में अक्टूबर-नवंबर 2022 में विधानसभा चुनाव है। नए चेहरों के साथ भाजपा चुनावी मैदान में उतरना चाहती है। अब देखना है कि भाजपा, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को कितना सियासी लाभ मिल सकता है। दिल्ली और गुजरात निकाय चुनाव में नए चेहरों ने जीत दिलाई थी।
भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया है कि वह राज्य में आमूलचूल बदलाव करने का मन बनाए हुए है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 10 कैबिनेट मंत्रियों और 14 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई, जिनमें पांच स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री भी शामिल हैं।
मंत्रिमंडल में नये सदस्यों को शामिल किये जाने के साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नीत भाजपा सरकार में मंत्रियों की कुल संख्या बढ़ कर 25 हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व वाले पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया।
राजभवन में आयोजित एक समारोह में दोपहर डेढ़ बजे मंत्री पद की शपथ लेने वालों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी शामिल हैं। राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ग्रहण करने वाले भूपेंद्र पटेल इस दौरान रुपाणी के साथ मौजूद थे।
कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वालों में राजेंद्र त्रिवेदी, जीतू वघानी, ऋषिकेश पटेल, पूर्णेश मोदी, राघवजी पटेल, कनुभाई देसाई, किरीट सिंह राणा, नरेश पटेल, प्रदीप परमार और अर्जुन सिंह चौहान शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इनमें त्रिवेदी, राणा और राघवजी पटेल पहले भी मंत्री रहे हैं। वहीं, नौ राज्य मंत्रियों में मुकेश पटेल, निमिशा सुतार, अरविंद रैयानी, कुबेर डिंडोर, कीर्ति सिंह वाघेला, गजेंद्र सिंह परमार, आर सी मकवाना, विनोद मोरादिया और देव मालम शामिल हैं।
शपथ ग्रहण से पहले ये कयास लगाये जा रहे थे कि नितिन पटेल, भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा, कौशिक पटेल, प्रदीपसिंह जाडेजा और आर सी फल्दू जैसे रूपाणी मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों को नये मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जा सकता है। भाजपा ने पुराने मंत्रियों को न दोहराने का फार्मूला अपनाते हुए रुपाणी मंत्रिमंडल के किसी सदस्य को नहीं शामिल किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा नया दिखने वाले मंत्रिमंडल के साथ 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले एक प्रभाव छोड़ना चाहती है। पाटीदार समुदाय के नेता भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री पद के लिए चुनने के बाद भाजपा ने पटेल और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) में प्रत्येक से छह, अनुसूचित जाति से चार, अनुसूचित जनजाति से तीन, ब्राह्मण और क्षत्रिय से दो-दो तथा जैन समुदाय से एक सदस्य को मंत्री पद दिया है।
(इनपुट एजेंसी)