सरकार 'वैज्ञानिक औचित्य', आपूर्ति स्थिति के आधार पर बच्चों, किशोरों के टीकाकरण का निर्णय लेगी: पॉल

By भाषा | Updated: October 17, 2021 19:57 IST2021-10-17T19:57:56+5:302021-10-17T19:57:56+5:30

Govt will decide on vaccination of children, adolescents based on 'scientific justification', supply situation: Paul | सरकार 'वैज्ञानिक औचित्य', आपूर्ति स्थिति के आधार पर बच्चों, किशोरों के टीकाकरण का निर्णय लेगी: पॉल

सरकार 'वैज्ञानिक औचित्य', आपूर्ति स्थिति के आधार पर बच्चों, किशोरों के टीकाकरण का निर्णय लेगी: पॉल

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वी. के. पॉल ने रविवार को कहा कि सरकार समग्र वैज्ञानिक औचित्य के साथ ही 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध टीकों की आपूर्ति की स्थिति के आधार पर कोरोनो वायरस के खिलाफ बच्चों और किशोरों के टीकाकरण पर अंतिम निर्णय लेगी।

कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पॉल ने आगाह किया कि भले ही संक्रमण कम हो रहा है और दूसरी लहर घट रही है, लेकिन अभी यह कहना उचित नहीं होगा कि बुरा वक्त खत्म हो गया है, क्योंकि कई देश कोरोना महामारी की दो से अधिक लहरों के गवाह बने हैं।

देश में फिलहाल तीन तरह के टीके -कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी- दिये जा रहे हैं, जो केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए हैं। ये सभी दो खुराक वाले टीके हैं।

ज़ाइडस कैडिला का स्वदेशी तौर पर विकसित ज़ाइकॉव-डी टीका पहला इंजेक्शन-मुक्त कोविड-रोधी टीका बनने को तैयार है, जिसका इस्तेमाल भारत में 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों के लिए किया जाएगा। इसे आपातकालीन उपयोग अधिकार (ईयूए) प्राप्त हुआ है।

पॉल ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम जानते हैं कि कई देशों ने किशोरों और बच्चों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की है। हम समग्र वैज्ञानिक औचित्य और बच्चों के लिए लाइसेंस प्राप्त टीकों की आपूर्ति की स्थिति के आधार पर अंतिम निर्णय लेंगे।’’

भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने कुछ शर्तों के साथ 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को ईयूए देने की सिफारिश की है।

यदि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) द्वारा इसे अनुमोदित किया जाता है, तो यह ज़ाइकोव-डी के बाद 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के इस्तेमाल के लिए ईयूए प्राप्त करने वाला दूसरा टीका होगा।

टीकाकरण से संबंधित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) इस पर विचार कर रहा है कि ज़ाइकोव-डी का बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।

पॉल के अनुसार, कोवैक्सिन वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम का एक हिस्सा है और इसकी आवश्यकताओं की समग्रता में बच्चों के लिए टीके का प्रावधान कैसे किया जाए, इसका भी निर्धारण किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘केवल आपूर्ति और संभावित पात्रता को संतुलित करके बच्चों और किशोरों के टीकाकरण से संबंधित व्यावहारिक निर्णय लिया जा सकता है।’’

पॉल ने कहा कि बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण को लेकर एक विशेष समयसीमा निर्धारित करना अभी संभव नहीं होगा, लेकिन टीकाकरण कार्यक्रम में जाइडस कैडिला के टीके को शामिल करने की तैयारी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और संबंधित प्रशिक्षण पहले से ही आयोजित किया जा रहा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या महामारी का सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है, पॉल ने कहा, ‘‘यह सही है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या अब घट रही है और दूसरी लहर अब कम हो रही है, लेकिन यह कहना कि सबसे बुरा वक्त खत्म हो गया है उचित नहीं होगा, क्योंकि हमने देखा है कि कई राष्ट्र दो से अधिक कोरोना वायरस लहर का गवाह बने हैं।’’

पॉल ने टीकाकरण की गति तेज होने की बात स्वीकारते हुए कहा कि राज्य यदि किसी भी कारण से पिछड़ रहे हैं तो उन्हें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और टीकाकरण को आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अब, निश्चित रूप से, टीकों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है, कोई अभाव नहीं है और टीकाकरण कार्यक्रम के लिए राज्य सरकारों के पास टीकों की 10 करोड़ खुराकें हैं।

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Web Title: Govt will decide on vaccination of children, adolescents based on 'scientific justification', supply situation: Paul

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