भू-संपत्ति के पंजीकरण में आसानी के लिये सरकार की ई-अदालतों को भूमि अभिलेखों से जोड़ने की योजना

By भाषा | Updated: June 27, 2021 15:15 IST2021-06-27T15:15:26+5:302021-06-27T15:15:26+5:30

Government plans to link e-courts with land records for ease of registration of land property | भू-संपत्ति के पंजीकरण में आसानी के लिये सरकार की ई-अदालतों को भूमि अभिलेखों से जोड़ने की योजना

भू-संपत्ति के पंजीकरण में आसानी के लिये सरकार की ई-अदालतों को भूमि अभिलेखों से जोड़ने की योजना

नयी दिल्ली, 27 जून सरकार ई-अदालतों को भूमि अभिलेखों और पंजीकरण डेटाबेस से जोड़ने की योजना बना रही है जिससे वास्तविक खरीददारों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि जिस जमीन को खरीदने की वह योजना बना रहे हैं उस पर कोई कानूनी विवाद तो नहीं है।

सरकार को लगता है कि इससे संदिग्ध लेनदेन कम होगा, विवादों को रोकने में मदद मिलेगी और अदालती प्रणाली का बाधित होना भी कम होगा। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के साथ ही महाराष्ट्र में ई-अदालतों को भूमि के अभिलेखों और पंजीकरण से जोड़ने की शुरुआती (पायलट) परियोजना पूरी हो गयी है तथा जल्द ही इसे देशभर में शुरू किया जाएगा।

विधि मंत्रालय के न्याय विभाग ने सभी उच्च न्यायालयों के महापंजीयकों से भूमि अभिलेखों और पंजीकरण डेटाबेस को ई-अदालतों तथा राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) से जोड़ने की राज्य सरकारों को मंजूरी देने का अनुरोध किया है ताकि संपत्ति विवादों का जल्द निस्तारण हो सके। अभी तक आठ उच्च न्यायालयों ने जवाब दे दिए हैं। इनमें त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।

न्याय विभाग ने इस साल अप्रैल में भेजे पत्र में कहा कि संपत्ति का आसान तथा पारदर्शी तरीके से पंजीकरण करना उन मानकों में से एक है जिसके आधार पर विश्व बैंक कारोबार करने की सुगमता के सूचकांक पर 190 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के प्रदर्शन का आकलन करता है। भूमि संसाधन विभाग संपत्ति सूचकांक पंजीकरण के लिए जिम्मेदार नोडल विभाग है और उसे भूमि प्रशासन सूचकांक की गुणवत्ता के लिए कुल 13 अंकों में से केवल 3.5 अंक मिले हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘‘भूमि पंजीकरण को आसान बनाने के लिए ई-अदालतों को भूमि अभिलेख तथा पंजीकरण डेटाबेस से जोड़ने के वास्ते उच्चतम न्यायालय की ई-समिति के साथ एक समिति बनायी गयी। इसके पीछे का तर्क है कि अगर किसी भूमि/भूखंड की कानूनी स्थिति का सही तरीके से पता चलता है और जनता को इसकी जानकारी दी जाती है तो इससे वास्तविक खरीददारों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि इस जमीन पर कोई विवाद तो नहीं है।

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Web Title: Government plans to link e-courts with land records for ease of registration of land property

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