लाइव न्यूज़ :

सरकार भ्रम में है कि केवल पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन में शामिल हैं: सोरेन

By भाषा | Updated: January 21, 2021 19:18 IST

Open in App

(आसिम कमाल)

नयी दिल्ली, 21 जनवरी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि कानूनों को रद्द करने के बजाय इनके कार्यान्वयन पर रोक लगाने के केन्द्र सरकार के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार इस ''भ्रम'' में है कि इस ''जंग'' में केवल पंजाब और हरियाणा के किसान शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि देशभर के किसान इन ''दमनकारी'' कानूनों को निरस्त कराना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा सहानुभूतिपूर्वक किसानों के आंदोलन का हल नहीं निकाला गया तो यह जल्द ही देश के अन्य हिस्सों में फैल जाएगा।

सोरेन ने 'पीटीआई-भाषा' को दिये साक्षात्कार में यह भी कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को नुकसान हुआ है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने कहा कि महीनों तक किसानों को सड़कों पर रहने को मजबूर करने के बाद केन्द्र सरकार ने इन विवादित कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने के बजाय इनके कार्यान्वय पर डेढ़ साल की रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है।

सोरेन ने कहा, ''सरकार गलतफहमी में है कि केवल पंजाब और हरियाणा के किसान ही इस जंग में शामिल हैं। वह बहुत बड़े भ्रम में जी रहे हैं। देशभर के किसानों चाहे वे हिमाचल प्रदेश के हों या उत्तर प्रदेश के या फिर पूर्वोत्तर अथवा कहीं और के, सभी की भावनाएं समान हैं।''

उन्होंने कहा, ''वे सभी (किसान) जमीन से जुड़े हुए हैं। हमने पिछले साल एनआरसी-सीएए को लेकर भी इसी तरह के प्रदर्शन देखे थे, जो एक विश्वविद्यालय से शुरू हुए और बाद में पूरे देश को अपनी जद में ले लिया।''

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान इनका कड़ा विरोध कर रहे हैं तो सरकार इन्हें वापस क्यों नहीं ले लेती?

उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ''तानाशाही रवैया'' दिखा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''नए कृषि कानून दमनकारी हैं। इनसे कालाबाजारी और जमाखोरी बढ़ेगी। मैं इन कानूनों का समर्थन नहीं कर सकता। ऐसा कैसे संभव है कि केन्द्र सरकार का आलाकमान लगभग दो महीने से प्रदर्शनकारी किसान निकायों द्वारा रखी गईं मांगों पर कोई सर्वमान्य समाधान नहीं निकाल पा रहा? ''

सोरेन से जब पूछा गया कि क्या झारखंड सरकार कांग्रेस शासित कुछ राज्यों की तरह कृषि कानूनों के खिलाफ कानून पारित करेगी तो उन्होंने कहा कि उनकी सरकार घटनाक्रमों पर करीबी नजर बनाए हुए है और इस संबंध में केन्द्र सरकार के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करेगी।

उन्होंने कहा, ''किसान देशवासियों का पेट पालते हैं। वे केवल अपनी उपज के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की मांग कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम इस मामले में उच्चस्तरीय समिति का गठन करके ठोस समाधान की सिफारिश करेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs SA 3rd T20I: 2025 में खेले 20 मैच और जीते 15, हार्दिक के 100 विकेट, वरुण ने पूरे किए 50 विकेट और अभिषेक शर्मा के टी20 में 300 छक्के पूरे

भारतकार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त नितिन नबीन?, पीएम मोदी, राजनाथ सिंह और अमित शाह ने क्या किया पोस्ट

क्रिकेटIND Vs SA 3rd T20I: धर्मशाला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत 7 विकेट से जीता, सीरीज में 2-1 से आगे

भारतमैं पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह का आभारी हूं?, नितिन नबीन बोले- कार्यकर्ताओं को समर्पित

भारतWho is Nitin Nabin? कौन हैं नितिन नबीन, जिन्हें बनाया गया है भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष?

भारत अधिक खबरें

भारतNitin Nabin: नितिन नवीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया

भारत“मुंबई के खजाने को लूटने वाले रहमान डकैत” कौन है?, एकनाथ शिंदे ने कहा-‘धुरंधर महायुति’ गठबंधन देगा जवाब?

भारतबिहार से पहले भाजपा अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ और सिक्किम के प्रभारी, 12वीं पास?, नितिन नबीन को बनाकर भाजपा ने सबको चौंकाया

भारतलद्दाख मोर्चे पर अब भारतीय सैनिकों का मुकाबला चीनी रोबोट सिपाहियों से, एलएसी पर तैनात रोबोट सिपाही

भारतबिहार में बिजली उपभोक्ता हैं बेहाल, अभियंता से लेकर प्रबंध निदेशक तक हैं खुशहाल, उपभोक्ता पीस रहे हैं बदहाली की चक्की में