सरकार पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है : गडकरी

By भाषा | Updated: November 24, 2021 12:55 IST2021-11-24T12:55:28+5:302021-11-24T12:55:28+5:30

Government is sensitive towards ecology and environment: Gadkari | सरकार पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है : गडकरी

सरकार पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है : गडकरी

(विजय कुमार सिंह)

नयी दिल्ली, 24 नवंबर प्रस्तावित चारधाम परियोजना को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड में सड़क निर्माण के कारण भूस्खलन होने की खबरों को ‘‘गलत सूचना’’ करार दिया और कहा कि सरकार विकास परियोजनाओं को अंजाम देते समय पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहती थी।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि चालू वित्त वर्ष में देश में राजमार्ग निर्माण की गति 40 किलोमीटर प्रतिदिन को पार कर जाएगी। वित्त वर्ष 2020-21 में देश में राजमार्ग निर्माण की गति रिकॉर्ड 37 किलोमीटर प्रतिदिन को छू गई।

उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में महत्वाकांक्षी परियोजना के संबंध में दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

गौरतलब है कि 12,000 करोड़ रुपये की लागत वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 900 किलोमीटर लंबी इसी परियोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में हर मौसम में रास्ते खुले रहें।

गडकरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ये गलत प्रचार है। यहां पहले भी बाढ़ आती थी और बादल फटने की घटनाएं होती थीं, जिनसे व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है और कई लोगों क मौत हुई है।’’

उनकी टिप्पणी चारधाम परियोजना के लिए सड़कों को चौड़ा करने को लेकर कुछ लोगों के पारिस्थितिक मुद्दों के बारे में चिंताए व्यक्त करने के बाद आई है।

गडकरी ने कहा कि अब, पहाड़ी इलाकों को एक सुरंग (चंबा शहर के नीचे) के निर्माण से सुरक्षित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम विकास परियोजनाओं को अंजाम देते समय पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहते हैं।’’

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। मंत्रालय ने सड़क चौड़ीकरण को लेकर न्यायालय के पहले के आदेश और एक गैर सरकारी संगठन ‘सिटीजन फॉर ग्रीन दून’ की याचिका में संशोधन का अनुरोध किया है।

शीर्ष अदालत ने, आठ सितंबर 2020 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चीन सीमा तक जाने वाली महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना पर 2018 के परिपत्र में निर्धारित कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने को कहा था।

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