सैन्य अधिकारियों की पेंशन में ‘कटौती’ कर सेना का मनोबल गिराने के प्रयास में सरकार: कांग्रेस

By भाषा | Updated: November 6, 2020 16:16 IST2020-11-06T16:16:52+5:302020-11-06T16:16:52+5:30

Government in an attempt to 'cut down' the pension of military officers by reducing the morale of the army: Congress | सैन्य अधिकारियों की पेंशन में ‘कटौती’ कर सेना का मनोबल गिराने के प्रयास में सरकार: कांग्रेस

सैन्य अधिकारियों की पेंशन में ‘कटौती’ कर सेना का मनोबल गिराने के प्रयास में सरकार: कांग्रेस

नयी दिल्ली, छह नवंबर कांग्रेस ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘फर्जी राष्ट्रवाद’ पर अमल करने का आरोप लगाया और दावा किया कि सैन्य अधिकारियों की पेंशन में ‘कटौती कर’ सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने का प्रयास किया जा रहा है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया कि सैन्य अधिकारियों के पेंशन में ‘कटौती’ संबंधी प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शहीद सैनिकों की वीरता और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोरने वाली मोदी सरकार सैन्य अफसरों की पेंशन काटने और ‘सक्रिय सेवा’ के बाद उनके दूसरे करियर विकल्प पर डाका डालने की तैयारी में है। इस बारे में सरकार की तरफ से बाकायदा 29 अक्टूबर, 2020 के पत्र से प्रस्ताव मांगा गया है।’’

कांग्रेस नेता ने सरकार पर सैन्य अधिकारियों की पेंशन ‘चोरी करने’ का आरोप लगाया और दावा किया, ‘‘एक तरफ, सेना के लिए दीया जलाने की बात की जाती है और दूसरी तरफ साहसी और बहादुर सैन्य अफसरों की पेंशन काट कर उनके जीवन में अंधेरा फैलाने का दुस्साहस हो रहा। यही भाजपा का फर्जी राष्ट्रवाद है।’’

सुरजेवाला के मुताबिक, सेना में भर्ती के समय ‘इंडियन मिलिट्री एकेडमी’ में हर अधिकारी से 20 साल का अनिवार्य सर्विस बॉन्ड भरवाया जाता है। 20 साल की सेवा के बाद सैन्य अफसर मूल तनख्वाह की 50 प्रतिशत राशि की पेंशन पाने का हकदार है। परंतु मोदी सरकार का ताजा सेना विरोधी प्रस्ताव उस 50 प्रतिशत पेंशन को भी आधी कर देने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उदाहरण के तौर पर यदि 20 साल की सेवा उपरांत किसी सैन्य अधिकारी को आखिरी मूल तनख्वाह 1,00,000 रुपये प्रति माह थी, तो पिछले 73 वर्षों से उसकी पेंशन 50,000 रु. प्रति माह मिलना सुनिश्चित है। पर मोदी सरकार का नया प्रस्ताव अब सैन्य अधिकारी की पेंशन 50,000 रु. प्रतिमाह से घटाकर 25,000 रुपये प्रतिमाह कर देगा। ’’

कांग्रेस महासचिव ने यह दावा भी किया, ‘‘‘सरकार के नए प्रस्ताव के मुताबिक, केवल उस सैन्य अफसर को पूरी पेंशन मिलेगी, जिसने 35 साल से अधिक सेना की सेवा में बिताए हों। परंतु सेना के 90 प्रतिशत अफसर तो 35 साल की सेवा से पहले ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं। ऐसे में मोदी सरकार 90 प्रतिशत सेना के अफसरों को पूरी पेंशन से वंचित करने का षडयंत्र कर रही है। ’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार के सेना का मनोबल तोड़ने वाले इस प्रस्ताव से देश के युवाओं का सेना में भर्ती होने के प्रति आकर्षण घटेगा तथा आखिर में देश का नुकसान होगा।

Web Title: Government in an attempt to 'cut down' the pension of military officers by reducing the morale of the army: Congress

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