नयी दिल्ली, 29 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा है कि शरिया कानून में कब्र में से शव निकालने पर कोई रोक नहीं है और भारत सरकार सऊदी अरब से उस हिंदू शख्स के अवशेष वापस लाने के मुद्दे को आगे बढ़ाए, जिसे वहां मुस्लिम रीति-रिवाजों के हिसाब से दफन कर दिया गया है।
मामले में एमिकस क्यूरी वकील एफ खान ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष अभिवेदन दिया था जिसके बाद केंद्र सरकार ने कहा कि वह सऊदी सरकार की प्रतिक्रिया का कुछ और दिन इंतजार करेगी और उसकी प्रतिक्रिया नहीं आती है तो वह मुद्दे को आगे बढ़ाएगी।
केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि रमज़ान और कोविड-19 महामारी की वजह से शव के अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया में समय लग रहा है।
उसने अदालत को यह भी बताया कि सऊदी अरब के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मामले पर प्रगति हो रही है और कुछ वक्त की जरूत है।
केंद्र सरकार के अभिवेदन के बाद अदालत ने मामले को 12 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
अदालत मृतक संजीव कुमार की पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने यहां अंतिम संस्कार के लिए अपने पति के अवशेष लाने का अनुरोध किया है।
कुमार की 24 जनवरी को दिल का दौरा पड़ने से सऊदी अरब में मौत हो गई थी और बाद में शव को वहीं दफन कर दिया गया था।
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