केरल में सरकारी चिकित्सकों के संगठन ने संपर्कों का पता लगाने और पृथक-वास में रखने पर दिया जोर
By भाषा | Updated: August 3, 2021 16:23 IST2021-08-03T16:23:09+5:302021-08-03T16:23:09+5:30

केरल में सरकारी चिकित्सकों के संगठन ने संपर्कों का पता लगाने और पृथक-वास में रखने पर दिया जोर
तिरुवनंतपुरम, तीन अगस्त केरल में सरकारी चिकित्सकों के एक संगठन ने मंगलवार को राज्य की वाम सरकार से आग्रह किया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमितों के संपर्कों का पता लगाने और संक्रमित व्यक्ति को 17 दिन तक पृथक-वास में रखने के नियम को सख्ती से लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को दिए गए अपने सुझावों में ‘केरल सरकारी चिकित्सा अधिकारी संघ ’ (केजीएमओए) ने कहा कि मौजूदा सामाजिक-आर्थिक कारकों के मद्देनजर और इस तथ्य पर विचार करते हुए लॉकडाउन की मौजूदा स्थिति को खत्म करना चाहिए कि कोविड के मामले अभी स्थिर हैं, और राज्य की 55 प्रतिशत आबादी ने रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।
चिकित्सकों के संगठन ने ऐसे वक्त में सुझाव दिए हैं जब दक्षिण राज्य कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मशक्कत कर रहा है। भारत में सामने आने वाले संक्रमण के नए मामलों में से आधे से ज्यादा केरल से हैं।
संगठन ने कहा कि लॉकडाउन तब लागू किया गया जब कोविड की दूसरी लहर चरम पर थी जिसने निश्चित रूप से मामलों को कम करने में मदद की।
केजीएमओए ने कहा, “ कोविड वक्र अभी स्थिर चरण में हैं और नए मामलों की संख्या और संक्रमण मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या तकरीबन समान है। हमारी 55 फीसदी आबादी ने कुछ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है, चाहे वह टीकाकरण से की हो या क्लिनिकल/ उपक्लिनिकल संक्रमण के जरिए हो। इस पर और सामाजिक-आर्थिक कारकों पर विचार करते हुए हमारा मानना है कि लॉकडाउन की मौजूदा रणनीति को जारी रखने की सलाह नहीं दी जा सकती है।”
उसने कहा कि सुगम और प्रभावी टीकाकरण ही इस महामारी को रोकने का बेहतरीन तरीका है। उसने कहा कि महामारी के पहले चरण के दौरान संपर्कों का पता लगाने की जो रणनीति अपनाई गई थी, उसका पालन किया जाना चाहिए, जिसने प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया था।
संगठन ने यह भी कहा कि सभी संक्रमितों को 17 दिनों के पृथक-वास में रखा जाना चाहिए और जिन लोगों में कोविड जैसे लक्षण हैं, उन्हें भी पृथक किया जाना चाहिए भले ही एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई हो तथा लक्षण रहने पर दोबारा जांच करानी चाहिए।
पिछले हफ्ते लगातार छह दिन तक रोज़ाना केरल में कोरोना वायरस के 20,000 से ज्यादा मामले सामने आए थे।
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