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सरकार का एअरइंडिया के पूर्व सीएमडी के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी से इनकार, भ्रष्टाचार का मामला बंद

By भाषा | Updated: November 18, 2021 18:06 IST

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(अभिषेक शुक्ला)

नयी दिल्ली, 18 नवंबर एअरइंडिया के पूर्व अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अरविंद जाधव व अन्य के खिलाफ महाप्रबंधकों की नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से केंद्र सरकार के इनकार के बाद सीबीआई ने उस मामले को बंद कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि एजेंसी ने जाधव, तत्कालीन महाप्रबंधक एल पी नखवा (अब सेवानिवृत्त), और तत्कालीन अतिरिक्त महाप्रबंधकों ए कठपालिया, अमिताभ सिंह और रोहित भसीन के खिलाफ एक साल चली प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया था।

उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि जाधव ने महाप्रबंधक (संचालन) के पद पर पदोन्नति के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की सिफारिश करने के वास्ते अवैध/अनियमित पदोन्नति पैनल का गठन किया था।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छह फरवरी, 2019 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संपर्क किया था और मामले में जाधव और नखवा पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी, जिसे 16 अप्रैल, 2019 को एअर इंडिया के तत्कालीन सीएमडी ने अस्वीकार कर दिया था।

अधिकारियों ने कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सीबीआई को जाधव के खिलाफ मंजूरी मांगने के लिए एक नया प्रस्ताव भेजने को कहा था, जिसे 19 दिसंबर, 2019 को भेजा गया था। डीओपीटी ने नौ जून, 2021 को सीबीआई को बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह कहते हुए मंजूरी से इनकार कर दिया है कि “चयन समिति के गठन में एक अनियमितता/प्रशासनिक चूक प्रतीत होती है, लेकिन यह स्वयं आईपीसी की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988के तहत अपराध नहीं है।”

मंजूरी देने से इनकार करते हुए उसने कहा, “आगे, जीएम (संचालन) के रूप में चुने गए तीन उम्मीदवारों के संबंध में सतर्कता मंजूरी देने में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं था, क्योंकि मौजूदा नियमों के अनुसार उन्हें सतर्कता मंजूरी से इनकार नहीं किया जा सकता था।’’

सीबीआई ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि कथित अपराध की “टुकड़ों में” जांच नहीं की जा सकती क्योंकि प्राथमिकी में जिन अभियुक्तों के नाम हैं उन्होंने कथित तौर पर अपनी व्यक्तिगत भूमिका निभाई थी।

एजेंसी ने कहा कि जाधव और अन्य पर मुकदमा चलाने की अनुमति के अभाव में मुख्य कर्ताधर्ताओं, जाधव और नखवा के आपराधिक कृत्य को छोड़कर सबूतों की श्रृंखला को अलग-अलग कर जोड़ना संभव नहीं होगा।

सीबीआई ने कहा कि शेष तीन आरोपियों के खिलाफ मामले में जांच करना उचित नहीं होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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