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सरकार ने विदेश निर्मित टीकों को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज की

By भाषा | Updated: April 13, 2021 16:32 IST

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल टीकों की उपलब्धता बढ़ाने और देश में टीकाकरण की गति तेज करने के वास्ते केंद्र सरकार ने अन्य देशों में आपात इस्तेमाल के लिए अधिकृत विदेश निर्मित कोविड-19 टीकों को मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने कहा कि इस प्रकार के विदेश निर्मित टीकों के पहले 100 लाभार्थियों के स्वास्थ्य पर सात दिन नजर रखी जाएगी, जिसके बाद देश में टीकाकरण कार्यक्रम में इन टीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

सरकार ने फैसला किया है कि उन टीकों को भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी जा सकती है, जो विदेशों में विकसित किए गए या तैयार किए गए हैं और अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या जापान में प्राधिकारियों ने जिनके सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है या जो ‘डब्ल्यूएचओ आपात इस्तेमाल सूची’ में शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस फैसले से इस प्रकार के विदेशी टीकों तक भारत की शीघ्र पहुंच सुनिश्चित होगी और इससे बड़ी मात्रा में दवा सामग्री समेत विभिन्न सामग्रियों के आयात, दवा की शीशी में खुराक भरने एवं उनकी पैकिंग करने की घरेलू क्षमता के उपयुक्त इस्तेमाल आदि को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे टीका निर्माण क्षमता और घरेलू इस्तेमाल के लिए टीकों की कुल उपलब्धता बढ़ेगी।’’

यह फैसला राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) की सिफारिश के बाद किया गया है।

इस समय भारत में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई।

भारत के औषधि नियामक ने रूस के कोविड-19 रोधी टीके 'स्पूतनिक वी' के सीमित आपात इस्तेमाल को सोमवार को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल की अगुवाई में 11 अप्रैल को की गई एनईजीवीएसी की 23वीं बैठक में टीकों की उपलब्धता बढ़ाने और टीकाकरण की गति तेज करने के मामले पर चर्चा की गई थी।

मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए अग्रसक्रिय तरीके से काम किया है। मई 2020 की शुरुआत में भारत ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अगुवाई में एक कार्य बल गठित किया था, ताकि टीका निर्माण के लिए अनुसंधान एवं विकास बढ़ाया जा सके और कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में सहायता के लिए नीति आयोग के सदस्य की अगुवाई में अगस्त 2020 में एक विशेषज्ञ समूह गठित किया गया था।

उसने कहा कि इन्हीं रणनीतियों की बदौलत भारत पहला ऐसा देश बन गया है, जिसके पास घरेलू टीकाकरण मुहिम के लिए दो ‘‘भारत निर्मित’’ टीके हैं।

मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण कोविड-19 के रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र द्वारा अपनाई रणनीति के अहम स्तम्भों में से एक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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