मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल शहर के एक तिराहे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की आदमकद प्रतिमा लगाने पर मंगलवार को प्रदेश के मुख्य सचिव को अदालत में जवाब पेश करने के लिए दो दिन का और समय दिया। इस मामले में न्यायामूर्ति संजय यादव व न्यायामूर्ति अतुल श्रीधरन की पीठ ने सोमवार को मुख्य सचिव को 24 घंटे के अंदर अदालत में जवाब पेश करने को कहा था, जिसके बाद आज बुधवार को मुख्य सचिव की ओर से पैरवी करने के लिए मध्य प्रदेश के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल शेखर शर्मा अदालत में पेश हुए।
शर्मा ने अदालत से अनुरोध किया कि मुख्य सचिव को इस मामले में अदालत में अपना जवाब पेश करने के लिए कुछ और समय दिया जाये। उन्होंने कहा कि इसके बाद पीठ ने मुख्य सचिव को अपना जवाव पेश करने के लिए दो दिन का और वक्त दे दिया। शर्मा ने कहा कि अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई पांच दिसंबर को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सतीष वर्मा ने बताया कि भोपाल के टीटी नगर लिंक रोड स्थित एक तिराहा में अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाये जाने को अधिवक्ता ग्रीष्म जैन ने जनहित याचिका लगाकर चुनौती दी है।
उन्होंने कहा कि इस याचिका में कहा गया है कि भोपाल के टीटी नगर नगर लिंक रोड स्थित एक तिराहे पर बीचो-बीच पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाई गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों या सरकारी जगह पर नेताओं की मूर्ति लगाने पर रोक लगायी हुए है। जिस जगह से यातायात और ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देते हुए चन्द्रशेखर आजाद की मूर्ति हटाई गई थी, वहां फिर मूर्ति लगाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
मालूम हो कि यातायात सुधार के लिये न्यू मार्केट इलाके में लिंक रोड नंबर-एक पर स्थित इस तिराहे की रोटरी से लगभग तीन साल पहले स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी नेता चंद्रशेखर आजाद की अर्द्ध-प्रतिमा हटा कर हाल ही में उसी स्थान पर अर्जुन सिंह की आमदकद प्रतिमा स्थापित की गई है।