Google Doodle: अंतरिक्ष में भारत को पहुंचाने वाले विक्रम साराभाई को गूगल ने डूडल के जरिये कुछ यूं किया याद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 12, 2019 05:35 IST2019-08-12T05:35:03+5:302019-08-12T05:35:03+5:30

विक्रम साराभाई की सरलता के बारे में कहा जाता है कि वो इतने सरल-स्वभाव के थे कि प्रयोगशाला में चप्पल पहने हुए, अपना ब्रीफकेस खुद लेकर चलते दिख जाते थे।

google doodle on birth anniversary of indian space scientist vikram sarabhai | Google Doodle: अंतरिक्ष में भारत को पहुंचाने वाले विक्रम साराभाई को गूगल ने डूडल के जरिये कुछ यूं किया याद

फोटो क्रेडिट: Google Doodle

Highlightsसाराभाई संपन्न परिवार से थे। उनके पिता उद्योगपति थे।अध्ययन-अनुसंधान के इस केंद्र के लिए उन्होंने अपने पिता से ही वित्तीय मदद मिली थी

विक्रम साराभाई की 100वीं जंयती पर गूगल ने डूडल बनाया है। साराभाई का जन्म 12 अगस्त 1919 में हुआ था। वह भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक थे। जहां लोग किसी दूसरे को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते वहीं सारा भाई अपने साथ काम करने वाले वैज्ञानिकों, खासकर युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने में मदद करते थे।

विक्रम साराभाई का परिवार संपन्न था। उनके पिता उद्योगपति थे। भौतिक विज्ञान के अध्ययन-अनुसंधान के इस केंद्र के लिए उन्होंने अपने पिता से ही वित्तीय मदद मिली थी। उस समय साराभाई की उम्र महज 28 साल थी लेकिन कुछ ही सालों में उन्होंने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) को विश्वस्तरीय संस्थान बना दिया। 

जब वैज्ञानिकों ने स्पेस के अध्ययन के लिए सैटलाइट्स को एक अहम साधन के रूप में देखा, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू और होमी भाभा ने विक्रम साराभाई को चेयरमैन बनाते हुए इंडियन नैशनल कमिटी फॉर स्पेस रीसर्च की स्थापना के लिए समर्थन दिया। 

साराभाई ने 15 अगस्त 1969 को इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की स्थापना की। विक्रम का निधन 52 साल की उम्र में 30 दिसंबर, 1971 को अचानक ही हो गया।

विक्रम साराभाई के बारे में कहा जाता है कि वो अपने करीबियों की जिंदगी से सीखकर उन्होंने विज्ञान, खासकर स्पेस प्रोग्राम का इस्तेमाल भारत के गरीब लोगों की मदद के लिए करने का निश्चय किया।  साराभाई को उनके बेहतर काम के लिए साल 1966 में पद्म विभूषण सम्मान प्रदान किया गया था।

साराभाई ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेंजमेंट, अहमदाबाद, दर्पण अकैडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, कई सफल व्यापारों की नींव रखी। वह मैसचूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में विजिटिंग प्रफेसर रहे और होमी भाभा के निधन के बाद कुछ वक्त तक अटॉमिक एनर्जी कमीशन को भी संभाला। 

साराभाई ने अपने काम से अपनी पहचान बनाई। इसके साथ ही उन्होंने अपने सरल-स्वभाव से भी अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। कहा जाता है कि अपने समय में दुनिया के खास लोगों के साथ उठने-बैठने वाले साराभाई अपनी प्रयोगशाला में चप्पल पहने, सीटी बजाते हुए दिखते थे। वह अपना ब्रीफेकेस भी खुद ही लेकर चलते थे।

गूगल अलग-अलग क्षेत्र की उन बड़ी हस्तियों को गूगल डूडल (Google Doodle) बना कर श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने समाज के लिए बड़ा योगदान दिया है।

Web Title: google doodle on birth anniversary of indian space scientist vikram sarabhai

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