1971 के युद्ध के शहीदों को समर्पित किया गया 'स्वर्णिम विजय द्वार'

By भाषा | Updated: December 16, 2021 16:55 IST2021-12-16T16:55:12+5:302021-12-16T16:55:12+5:30

'Golden Victory Gate' dedicated to the martyrs of 1971 war | 1971 के युद्ध के शहीदों को समर्पित किया गया 'स्वर्णिम विजय द्वार'

1971 के युद्ध के शहीदों को समर्पित किया गया 'स्वर्णिम विजय द्वार'

जम्मू, 16 दिसंबर भारतीय सेना की उत्तरी कमान ने 1971 के युद्ध में अपने सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए बृहस्पतिवार को उधमपुर में 'स्वर्णिम विजय द्वार' उन्हें समर्पित किया।

वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ को 'स्वर्णिम विजय वर्ष' के रूप में मनाया जा रहा है। 16 दिसंबर 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सशस्त्र सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

पूर्वी पाकिस्तान में उत्पीड़ितों की मुक्ति के लिए युद्ध हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का गठन हुआ। युद्ध के दौरान 2,500 से अधिक भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई।

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि करगिल युद्ध के नायक और उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने उधमपुर सैन्य स्टेशन में एक समारोह में 'स्वर्णिम विजय द्वार' भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को समर्पित किया।

प्रवक्ता ने बताया कि उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) ने ध्रुव युद्ध स्मारक पर कार्यक्रम की अध्यक्षता की और उत्तरी कमान की सभी रैंकों की ओर से माल्यार्पण किया।

उन्होंने देश को प्रेरित करने वाले सभी सैनिकों के अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प पर भी प्रकाश डाला।

इसके अलावा आज 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले दो परमवीर चक्र सम्मानित और 18 महावीर चक्र सम्मानित सैनिकों की प्रतिमाओं का भी अनावरण किया गया।

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Web Title: 'Golden Victory Gate' dedicated to the martyrs of 1971 war

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