लाइव न्यूज़ :

गोखले द्वारा परमाणु समझौते के संदर्भ में किए दावे ‘‘निराधार’’ : वाम दल

By भाषा | Updated: August 3, 2021 16:52 IST

Open in App

नयी दिल्ली, तीन अगस्त माकपा और भाकपा ने पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले के उन दावों को ‘‘निराधार’’ तथा ‘‘बदनाम’’ करने वाला बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वाम दल का भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का विरोध करने का फैसला चीन के प्रभाव में किया गया।

गोखले ने अपनी किताब ‘द लॉन्ग गेम: हाउ द चाइनीज निगोशिएट विद इंडिया’ में कहा है कि चीन ने भारत में वाम दलों के साथ अपने ‘‘करीबी संबंधों’’ का इस्तेमाल भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के लिए ‘‘घरेलू विरोध उत्पन्न’’ करने के वास्ते किया।

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गोखले के दावों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वामपंथियों की ‘‘देश के बाहर के लोगों के साथ वफादारी ’’ एक सर्वविदित तथ्य है।

मकापा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गोखले के दावों को खारिज करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ वाम दलों ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का विरोध इसलिए किया था क्योंकि यह एक ऐसा समझौता था, जिसमें भारत की सामरिक स्वायत्तता तथा स्वतंत्र विदेश नीति के साथ समझौता किया गया था। यह भारत को एक सैन्य तथा रणनीतिक गठबंधन में शामिल करने के लिए अमेरिका द्वारा शुरू किया गया एक समझौता था। कई दशकों बाद कुछ घटनाओं में इसकी पुष्टि भी हो गई थी।’’

उन्होंने कहा कि देश में ‘‘एक मेगावाट असैन्य परमाणु शक्ति का भी विस्तार’’ नहीं हुआ है। ‘‘ बस इतना ही हुआ है कि भारत घनिष्ठ सैन्य संबंधों के साथ अमेरिका का अधीनस्थ सहयोगी बन गया है।’’

महासचिव ने कहा, ‘‘ वाम दलों ने भारत की संप्रभुता और सामरिक स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए ऐसा रुख अपनाया। इसका चीने से कोई लेना-देना नहीं था। वाम दलों ने ऐसा रुख अपनाया, हालांकि चीन ने अंततः भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह द्वारा दी गई छूट का समर्थन किया। इस मामले पर विजय गोखले की किताब में वामपंथियों के चीन से प्रभावित होने वाली टिप्पणियां पूरी तरह से निराधार हैं। शायद, वह नहीं जानते कि उस समय की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी संसद में परमाणु समझौते का विरोध किया था।’’

गौरतलब है कि परमाणु समझौते के कारण 2008 में वाम दल ने मनमोहन सिंह नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया था।

वहीं, भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि गोखले द्वारा किए गए दावे ‘‘निराधार और बेतुके’’ हैं और वाम दलों द्वारा परमाणु समझौते पर लिया गया निर्णय केवल राष्ट्रीय हित के लिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘ कोई भी हमारे द्वारा किए फैसले पर सवाल उठा सकता है, लेकिन इस तरह के फैसलों के पीछे अन्य कारकों को जिम्मेदार ठहराना बदनामी के बराबर है। हमें वास्तव में लगता था कि यह सौदा हमारी स्वतंत्र विदेश नीति को प्रभावित करेगा और भारत को अमेरिकी साम्राज्यवादी रणनीति का मोहताज बना देगा।।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

क्रिकेटIND vs SA 3rd ODI: टेस्ट हार का बदला?, वनडे सीरीज पर 2-1 से कब्जा, 9 विकेट से कूटा

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारत अधिक खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण