पणजी, 12 मई गोवा की एक सत्र अदालत ने बुधवार को कहा कि वह तरुण तेजपाल मामले में 19 मई को फैसला सुनाएगी।
तहलका के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक लग्जरी होटल में लिफ्ट के भीतर एक महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।
अतिरिक्त जिला अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला सुनाने की कार्यवाही 12 मई तक टाल दी थी।
अदालत ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कर्मचारियों की कमी के कारण मामले की सुनवाई स्थगित की गई।
लोक अभियोजक फ्रांसिस्को तवोरा ने कहा, ‘‘न्यायाधीश ने कहा कि वे केवल 15 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं और फैसला सुनाने से पहले कई चीजों पर गौर करना है।’’
तेजपाल अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ अदालत में मौजूद थे।
फैसले को अगले हफ्ते तक के लिए स्थगित किए जाने के बाद अदालत कक्ष से बाहर आते हुए तेजपाल ने पत्रकारों से बात करने से इनकार करते हुए कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है।
अदालत में कई मीडियाकर्मी और वकील मौजूद थे।
गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। वह मई 2014 से जमानत पर रिहा हैं।
गोवा की अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था।
तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकने), 342 (गलत तरीके से रोककर रखना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से प्रताड़ना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354 बी (महिला पर हमला या आपराधिक रूप से बल का इस्तेमाल), 376 (2) (एफ) (महिला से ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चल रहा है।
तेजपाल ने अपने खिलाफ आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
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