Coronavirus: महामारी के बीच आज भी जिंदा है इंसानियत, यहां महिला संग एक बच्ची लड़ रही कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई

By भाषा | Updated: April 2, 2020 16:33 IST2020-04-02T16:33:03+5:302020-04-02T16:33:03+5:30

जहां एक ओर कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से भारत में लोगों की स्थिति ख़राब होती जा रही है तो वहीं आइजोल में एक लड़की और एक गरीब महिला जरुरतमंदों के लिए ख़ास काम कर रही है।

Girl a poor woman showed humanity in the fight against the coronavirus | Coronavirus: महामारी के बीच आज भी जिंदा है इंसानियत, यहां महिला संग एक बच्ची लड़ रही कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई

वह कहती रहती है कि वह लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद करना चाहती है। (फाइल फोटो)

Highlightsलॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के लिए अपनी पूरी बचत 1,107 रुपये लुआंग्मुल स्थानीय स्तर के कार्यबल को दान कर दी है। लड़की की मां जोरिनचुंगी ने बताया कि जब से लॉकडाउन की शुरुआत हुई है उनकी बेटी सो नहीं पाई है।

आइजोल: कहते हैं कि दुनिया में इंसानियत सबसे बड़ी चीज होती है और इस बात को नौ वर्षीय एक बच्ची और एक महिला ने सही साबित किया है। इन दोनों ने दिखाया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से बीमार और मरने वालों के लिए उनका दिल धड़कता है। आइजोल में फेथ अकादमी की कक्षा तीन की छात्रा जोरिंतलुआंगी और एक निराश्रित विधवा मेलोकी में एक बात सामान्य है कि इन दोनों के दिल बहुत बड़े हैं। 

जोरिंतलुआंगी ने जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद और 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के लिए अपनी पूरी बचत 1,107 रुपये लुआंग्मुल स्थानीय स्तर के कार्यबल को दान कर दी है। लड़की की मां जोरिनचुंगी ने बताया कि जब से लॉकडाउन की शुरुआत हुई है उनकी बेटी सो नहीं पाई है। उन्होंने बताया कि वह कहती रहती है कि वह लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद करना चाहती है। 

इसलिए उसने अपनी गुल्लक को तोड़कर उसमें से निकली धनराशि को जरूरतमंदों की मदद के लिए दान कर दिया। उन्होंने बताया कि गुल्लक में 1,107 रुपये थे जो उसने स्थानीय टास्क फोर्स को दे दिये। इससे पता चलता है कि दुनिया में इंसानियत अब भी जिंदा है। मेलोकी एक निराश्रित विधवा महिला है जो किराने का सामान बेचकर अपना गुजारा करती है। 

इस महिला ने भी अपना बड़ा दिल दिखाया और सोमवार को बांग्लादेश के सीमावर्ती राज्य के दक्षिणी भाग लुंगलेई जिले की ग्राम टास्क फोर्स के पास पहुंची। तलबुंग ग्राम परिषद के अध्यक्ष थंगखुमा ने बताया कि वह हमारे पास आई और अपने पर्स से नोट निकाल कर दे दिये। यह राशि 950 रुपये की थी जो इस गरीब महिला के लिए काफी मायने रखती है।

Web Title: Girl a poor woman showed humanity in the fight against the coronavirus

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