डेल्टा प्लस स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण की केजीएमयू और बीएचयू में होगी जांच

By भाषा | Updated: June 25, 2021 17:43 IST2021-06-25T17:43:53+5:302021-06-25T17:43:53+5:30

Genome sequencing of Delta Plus format will be investigated in KGMU and BHU | डेल्टा प्लस स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण की केजीएमयू और बीएचयू में होगी जांच

डेल्टा प्लस स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण की केजीएमयू और बीएचयू में होगी जांच

लखनऊ, 25 जून दूसरे कई राज्यों में मरीजों के कोरोना वायरस के नए स्वरूप 'डेल्टा प्लस' से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद अब प्रदेश में कोरोना वायरस के इस स्वरूप की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक नमूनों का जीनोम अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जीनोम अनुक्रमण की सुविधा के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश शुक्रवार को आला अधिकारियों को दिए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि साल 2021 की शुरुआत में ही सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए स्वरूप को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) में जीन अनुक्रमण की जांच शुरू करने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि वायरस के नए स्वरूप की पहचान समय से करने के लिए जीन अनुक्रमण की जांच केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में आने वाले सभी यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच के नमूनों से जीन अनुक्रमण कराया जाएगा। रेलवे, सड़क, वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के नमूने लेकर जीन अनुक्रमण जांच की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के जिलों से भी कोरोना वायरस के नए स्वपूर 'डेल्टा प्लस' के नमूने लिए जाएंगे। रिपोर्ट के परिणाम स्वरूप डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराए जाने के आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्‍यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि प्रदेश में मुख्‍यमंत्री के निर्देशानुसार नई जांच को सबसे पहले केजीएमयू में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि संस्‍थान की ‘जीन सीक्‍वेंसर’ मशीन से इस जांच से सिर्फ वायरस के स्वरूप की पड़ताल की जाएगी। इसके लिए प्रयोगशाला में कोरोना संक्रमित मिले मरीजों के नमूने लिए जाएंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के अनुसार दूसरे आयु वर्ग के लोगों की अपेक्षा इस नए स्वरूप का दुष्प्रभाव बच्चों पर कहीं अधिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं।

केजीएमयू के साथ ही बनारस के बीएचयू में भी जीन अनुक्रमण की जांच शुरू की गई है। उप्र अभी तक जीन अनुक्रमण जांच के लिए नमूनों को पुणे भेजता था पर अब प्रदेश में जांच शुरू होने से प्रदेश के बाहर स्थित दूसरे संस्‍थानों में सैंपल नहीं भेजने पड़ेंगे।

प्रवक्ता के मुताबिक अभी तक उप्र में आने वाले यात्रियों की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए कराई जा रही थी पर अब प्रदेश के सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर जांच नमूनों से जीनोम अनुक्रमण कर 'डेल्टा प्लस' की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। संक्रमित मरीज में वायरस का कौन सा स्वरूप मौजूद है इसकी जांच के लिए जीन अनुक्रमण जांच को अनिवार्य किया गया है। 'डेल्टा प्लस' की रिपोर्ट दो हफ्तों में आती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Genome sequencing of Delta Plus format will be investigated in KGMU and BHU

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे