पाकिस्तान से लौटी गीता को महाराष्ट्र की महिला ने अपनी बेटी बताया

By भाषा | Updated: March 11, 2021 12:33 IST2021-03-11T12:33:57+5:302021-03-11T12:33:57+5:30

Geeta, who returned from Pakistan, was called the daughter of Maharashtra by her daughter | पाकिस्तान से लौटी गीता को महाराष्ट्र की महिला ने अपनी बेटी बताया

पाकिस्तान से लौटी गीता को महाराष्ट्र की महिला ने अपनी बेटी बताया

इंदौर/परभणी, 11 मार्च पाकिस्तान से 2015 में भारत लौटी गीता को महाराष्ट्र की 70 वर्षीय महिला ने अपनी बेटी बताया है और कुछ ब्योरों का मिलान होने के बाद उम्मीद जागी है कि गीता को उसका खोया परिवार वापस मिल सकता है।

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वैज्ञानिक रूप से यह बात डीएनए जांच के बाद ही साबित हो सकेगी कि यह महिला गीता की जैविक मां है या नहीं।

अधिकारियों के मुताबिक, मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग ने दिव्यांगों की मदद के लिये इंदौर में चलाई जा रही ‘आनंद सर्विस सोसायटी’ को गीता की देख-रेख और उसके बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा सौंपा है। गीता न तो सुन सकती है और न ही बोल सकती है।

संगठन के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि गीता महाराष्ट्र के परभणी की गैर सरकारी संस्था ‘पहल’ फाउंडेशन के परिसर में रहकर कौशल विकास का प्रशिक्षण ले रही है।

पुरोहित ने बताया कि औरंगाबाद में रहने वाली मीना पांद्रे (70) ने दावा किया है कि गीता उनकी खोई बेटी है जो उनकी पहली शादी से पैदा हुई थी।

उन्होंने बताया, ‘‘पांद्रे ने हमें बताया है कि गीता के पेट पर जलने का एक निशान है। यह बात सही पाई गई है।’’

पुरोहित ने बताया कि मीना के पहले पति सुधाकर वाघमारे का कुछ साल पहले निधन हो गया था और अब वह अपने दूसरे पति के साथ औरंगाबाद के निकट रहती हैं।

उन्होंने बताया कि मीना जब गीता से पहली बार मिलीं, तो वह अपने आंसू रोक नहीं पाईं।

पुरोहित ने बताया कि गीता ने बचपन की धुंधली यादों के आधार पर उन्हें इशारों में बताया था कि उसके घर के पास एक नदी थी और वहां गन्ने तथा मूंगफली की खेती होती थी। इसके साथ ही वहां डीजल के इंजन से रेल चला करती थी।

उन्होंने बताया,‘‘ये ब्योरे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के कुछ स्थानों से मेल खाते हैं।’’

इस बीच, मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की ने बताया कि डीएनए टेस्ट के बाद ही पांद्रे के इस दावे की पुष्टि हो सकेगी कि गीता उनकी बेटी है।

अधिकारियों ने बताया कि गुजरे साढ़े पांच साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 20 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी बेटी बता चुके हैं, लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का दावा वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हो सका है।

उन्होंने बताया कि फिलहाल गीता की उम्र 30 साल के आस-पास आंकी जाती है। वह गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थी। पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था। उस समय उसकी उम्र आठ साल के आस-पास रही होगी।

मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था।

गीता अकसर मीना और उसकी विवाहित बेटी से मिलती है। मीना की विवाहित बेटी भी मराठवाड़ा क्षेत्र में रहती है।

‘पहल’ के डॉ. आनंद सेलगांवकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इस बात का निर्णय सरकारी प्राधिकारियों को लेना है कि डीएनए जांच कब कराई जाएगी। तब तक गीता का पहल में प्रशिक्षण जारी रहेगा।’’

इस बीच, पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी कि गीता को महाराष्ट्र में उसकी मां मिल गई है।

‘डॉन’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, ईधी ने कहा कि भारतीय लड़की को महाराष्ट्र राज्य में अपनी अपनी मां मिल गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे संपर्क में हैं और इस सप्ताह उसने मुझे अंतत: अच्छी खबर सुनाई कि उसे उसकी मां मिल गई है।’’

तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण वह 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थी। इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में भेज दिया गया था।

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Web Title: Geeta, who returned from Pakistan, was called the daughter of Maharashtra by her daughter

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