लॉकडाउन में गंगा नदी पहले से अधिक साफ हुई, घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी: एनएमसीजी महानिदेशक

By भाषा | Updated: April 26, 2020 13:41 IST2020-04-26T13:41:08+5:302020-04-26T13:41:08+5:30

गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, ज्यादातर निगरानी केद्रों में गंगा नदी के पानी को नहाने लायक पाया गया है।

Ganges river clears more than ever before in lockdown, soluble oxygen content increased: NMCG Director General | लॉकडाउन में गंगा नदी पहले से अधिक साफ हुई, घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी: एनएमसीजी महानिदेशक

लॉकडाउन में गंगा नदी पहले से अधिक साफ हुई, घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी: एनएमसीजी महानिदेशक

Highlightsसीपीसीबी के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिन्दुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिन्दुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने और वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई। गंगा नदी के जल में अनेक स्थानों पर घुलनशील ऑक्सीजन का स्तर काफी बढ़ गया है जो जल के साफ होने का स्पष्ट संकेत है ।

नयी दिल्ली:कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गंगा नदी पहले के अधिक साफ हुई है और नदी के पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी है । राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने यह जानकारी दी । मिश्रा ने ‘‘भाषा’’ से खास बातचीत में कहा कि लॉकडाउन के कुछ ही दिन बाद हमने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और संबंधित राज्यों के साथ बैठक की और उनसे नदी जल की गुणवत्ता की निगरानी के संबंध में अध्ययन पर चर्चा की ।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसके आधार पर जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने अप्रैल में गंगा नदी के जल के अलग अलग स्थानों से नमूने एकत्र किए और इन्हें अध्ययन के लिये भेजा गया। ’’ एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा, ‘‘ इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट हमें प्राप्त हो गई है और इससे स्पष्ट हुआ है कि गंगा नदी पहले की तुलना में साफ हुई है ।’’ उन्होंने कहा कि गंगा नदी के जल में अनेक स्थानों पर घुलनशील ऑक्सीजन का स्तर काफी बढ़ गया है जो जल के साफ होने का स्पष्ट संकेत है ।

मिश्रा ने कहा कि कई स्थानों पर नदी जल में जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) का स्तर पहले की तुलना में कम हुआ है। इससे सिद्ध होता है कि नदी जल की गुणवत्ता बेहतर हुई है । उन्होंने बताया कि जल में घुलनशील ऑक्सीजन का स्तर 5 मिलीग्राम / लीटर से अधिक होना चाहिए और बीओडी का स्तर 3 मिलीग्राम / लीटर से कम होना चाहिए । इन दोनों मानकों पर गंगा नदी के जल की गुणवत्ता पहले से बेहतर हुई है । गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, ज्यादातर निगरानी केद्रों में गंगा नदी के पानी को नहाने लायक पाया गया है।

सीपीसीबी के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिन्दुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिन्दुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने और वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई। एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के दौरान जल मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) का परिचालन सुचारू रूप से हो रहा है और नदी जल के साफ होने के कारणों में यह भी महत्वपूर्ण है । ऐसा इसलिये क्योंकि संयंत्र सुचारू रूप से चलने से नदी में जल मल नहीं जा सका ।

उन्होंने यह भी बताया कि 20 अप्रैल से जल मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) एवं इससे जुड़ी परियोजनाओं पर 7-8 स्थानों पर काम भी शुरू हो गया है । इनमें खास तौर पर कानपुर और प्रयागराज शामिल हैं । राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के द्वितीय चरण में नमामि गंगे के कार्यों को सशर्त अनुमति मिलने पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने ऐसे परियोजना स्थलों पर प्रशासन से अनुमति लेकर काम शुरू किया जहां श्रमिकों की उपलब्धता थी ।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का उपयोग करते हुए एनएमसीजी ने आईआईटी, राज्यों एवं इंजीनियरों के सहयोग से कई परियोजनाओं का डिजाइन तैयार करने का काम पूरा कर लिया है जिसमें काफी समय लगता है । 

Web Title: Ganges river clears more than ever before in lockdown, soluble oxygen content increased: NMCG Director General

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