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Gandhi Jayanti: प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को दी श्रद्धांजलि

By उस्मान | Updated: October 2, 2021 07:58 IST

मोदी ने कहा कि उनका जीवन व आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा

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ठळक मुद्देमोदी ने कहा कि उनका जीवन व आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगागांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 में हुआ थाग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 152वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका जीवन व आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा। 

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’’ 

दो अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है। मोदी ने उन्हें भी विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का उन्होंने नेतृत्व किया। अहिंसक विरोध का उनका सिखाया हुआ सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है।  

गांधी ने न केवल देश को आजादी दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई बल्कि उनके कार्यों और विचारों ने आजाद भारत को आकार देने में बहुत मदद की। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। आगे चलकर वे बापू कहलाए। महात्मा गांधी ने दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया कि कैसे बिना किसी हिंसा के भी कोई लड़ाई लड़ी और जीती जा सकती है।

ये भी दिलचस्प है कि जिस देश से भारत को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी, उसी ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया। महात्मा गांधी के निधन के 21 साल बाद ब्रिटेन ने उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया था ।आज गांधी जयंती पर पढ़ें उनके 10 अनमोल और प्रेरक विचार...

1. अहिंसा के बिना सत्य का अनुभव नहीं हो सकता, अहिंसा का पहला सिद्धांत हर अमानवीय चीज के प्रति असहयोग करना है।

2. काम की अधिकता नहीं अनियमितता आदमी को मार डालती है।

3. आप जो बदलाव दुनिया में देखना चाहते हैं, वो बदलाव आप पहले खुद बनिए।

4. स्वयं को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो दो।

5. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।

6. आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है। यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है।

7. मैं उसे धार्मिक कहता हूं जो दूसरों का दर्ज समझता है।

8. पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हंसेंगे। फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जाएंगे।

9. जो चाहे वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन सकता है, वह सबके भीतर है।

10. शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है, यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आती है।

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