G20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की बैठक बेंगलुरु में हुई शुरू, जानिए इस बारे में

By अनुभा जैन | Updated: February 9, 2023 15:34 IST2023-02-09T15:31:44+5:302023-02-09T15:34:32+5:30

19 सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के 96, 10 अतिथि देशों के 25 और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 21 सहित 142 से अधिक प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

G20 Environment and Climate Sustainability Working Group meeting begins in Bengaluru | G20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की बैठक बेंगलुरु में हुई शुरू, जानिए इस बारे में

G20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की बैठक बेंगलुरु में हुई शुरू, जानिए इस बारे में

बेंगलुरु: भारत की अध्यक्षता में पहले जी20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की बैठक गुरुवार को बेंगलुरु में शुरू हुई। भूमि क्षरण और जैव विविधता हानि जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों पर जोर देने और विचार-विमर्श के मुख्य क्षेत्रों के साथ यह बैठक शुरू हुई। 

इस तीन दिवसीय आयोजन में समुद्री प्रदूषण, मैंग्रोव और कोरलरीफ के संरक्षण की आवश्यकता; और संसाधनों की अधिक खपत और अपशिष्ट अवशोषण की कमी जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दों पर गहराई से चर्चा की जायेगी।

ECSWG की गुरुवार को हुई पहली बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे भारत प्रेसीडेंसी की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम“ -एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य- पर मानसिकता का समर्थन करते हुये प्राकृतिक संसाधनों के स्थायी जीवन शैली की ओर समावेशन, सार्वभौमिक एकता, और बदलाव पर जोर दिया जा रहा है।

चंद्र प्रकाश गोयल, वन महानिदेशक और विशेष सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह के साइड इवेंट का संचालन करते हुए पर्यावरण की बहाली और संरक्षण पर सर्वोत्तम प्रेक्टिसिस को साझा करते हुये पारिस्थितिक तंत्र या ईको सिस्टम के संरक्षण की बात कही।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की प्रेसीडेंसी सामूहिक नेतृत्व के माध्यम से कारण का प्रचार करेगी ताकि पिछले जी -20 प्रेसीडेंसी से सराहनीय पहल को आगे बढ़ाया जा सके और एक ठोस प्रभाव पैदा हो सके।

भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद ICFRE (आईसीएफआरई) के महानिदेशक ए.एस रावत ने विशेष रूप से खनन और जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में पर्यावरण-बहाली के पहलुओं पर वैश्विक दृष्टिकोण पर चर्चा की। इस सत्र के दौरान, जी 20 देशों के प्रतिनिधियों ने खनन और जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों की बहाली पर सर्वोत्तम प्रथाओं प्रेक्टिसिस को साझा किया।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव ऋचा शर्मा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कार्य समूह की बैठक भारत के लिए जलवायु के मुद्दों और पर्यावरण पर वैश्विक चर्चा को संबोधित करने का एक बेहद अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत जैव विविधता पर कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता है, इसलिए जैव विविधता से संबंधित मुद्दे विचार-विमर्श के एजेंडे में शीर्ष पर होंगे। 

शर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जी20 देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं, साथ ही वे 80 प्रतिशत वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए भी जिम्मेदार हैं।

चंद्र प्रकाश गोयल ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि भूमि बहाली में पारिस्थितिक तंत्र आधारित विभिन्न दृष्टिकोण के अंतर्गत जैव विविधता को बहाल और समृद्ध करना; जलवायु परिवर्तन शमन के लिए कार्बन सिंक बनाना और स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना शामिल है। भारत की प्राथमिकता 2040 तक खराब भूमि में 50 प्रतिशत की कमी हासिल करने के लिए जी20 के योगदान को बढ़ाना और जैव विविधता को ठीक करने के लिए जंगल की आग प्रभावित क्षेत्रों की बहाली है। 

उन्होंने आगे बताया कि पिछले दो दशकों में, जंगल की आग के कारण लगभग 29 प्रतिशत वैश्विक वन हानि हुई है। पाँच जी20 देशों में वृक्षों के आवरण का 81 प्रतिशत नुकसान देखा गया। भारत 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आवासों की पर्यावरण-बहाली के लिए प्रमुख चुनौतियां जलवायु परिवर्तन, आवास विखंडन और विकास व संरक्षण को संतुलित करना हैं। मट्टू जे.पी. सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक, पीआईबी नई दिल्ली भी मीडिया ब्रीफिंग में उपस्थित थीं।

यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि बेंगलुरु में आयोजित हो रही यह बैठक विभिन्न मुख्य विषयों पर देश भर के 50 से अधिक शहरों में हो रही 200 से अधिक कार्यकारी समूह की बैठकों का हिस्सा है। प्रत्येक समूह की बैठक में एक समर्पित साइड इवेंट होगा और तीन और समूह बैठकें इस साल फरवरी और जुलाई के बीच गांधीनगर, मुंबई और चेन्नई में विभिन्न मुख्य विषयों पर आयोजित की जाएंगी। 

सदस्य देशों के पर्यावरण और जलवायु मंत्री समूह बैठकों में विचार-विमर्श के अंतिम परिणाम के रूप में विचार-विमर्श पर मंत्रिस्तरीय घोषणा को अपनाने के लिए चेन्नई में समापन समूह की बैठक में एकत्रित होंगे।

19 सदस्य देशों और यूरोपीय संघ के 96, 10 अतिथि देशों के 25 और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 21 सहित 142 से अधिक प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

Web Title: G20 Environment and Climate Sustainability Working Group meeting begins in Bengaluru

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