पेरिस, 26 सितंबर: राफेल सौदे में घोटाले को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब पीएम मोदी को फ्रांस के राष्ट्रपति का समर्थन मिला है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बुधवार को फेंच प्रेसीडेंट एमैनुएल मैक्रों कहा 'पीएम मोदी सच बोल रहे हैं। यह सौदा दो देशों के सरकारों के बीच हुआ था। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच मजबूत साझेदारी है। मैं किसी और बात पर कॉमेंट नहीं करना चाहता हूं।'
हालांकि शुरूआती खबरों के मुताबिक राफेल डील पर जारी विवादों को लेकर फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के पल्ला झाड़ने की खबर आई थी। उन्होंने कहा था कि जिस वक्त राफेल डील हुई, मैं राष्ट्रपति नहीं था।राफेल करार ‘सरकार से सरकार’ के बीच तय हुआ था। भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों को लेकर सौदा हुआ है।
क्या कहा था फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने?
इससे पहेल राफेल विमान सौदे में ‘ऑफसेट पार्टनर’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कथित बयान आया था। फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक ओलांद ने कथित तौर पर कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।
मीडिया रिपोर्ट में ओलांद के हवाले से कहा गया था,‘भारत सरकार ने इस सेवा समूह का प्रस्ताव किया था और दसाल्ट ने (अनिल) अंबानी समूह के साथ बातचीत की। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, हमने वह वार्ताकार लिया जो हमें दिया गया।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बातचीत के बाद 36 राफेल विमानों की खरीद का ऐलान किया था। करार पर अंतिम मुहर 23 सितंबर 2016 को लगी थी।