लाइव न्यूज़ :

चीन से तनाव पर मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर दी नसीहत, कहा- अपने शब्दों को लेकर सतर्क रहें

By विनीत कुमार | Updated: June 22, 2020 09:44 IST

कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। चीन से तनातनी के मुद्दे पर लिखे इस पत्र में मनमोहन सिंह ने कहा है कि पीएम को सुनिश्चित करना चाहिए कि जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाए।

Open in App
ठळक मुद्देपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन से जारी तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा हैमनमोहन सिंह ने सरकार से कहा है कि वो चुनौतियों का सामना करे और सैनिकों की कुर्बानी बेकार नहीं जाने दे

पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना में हिंसक झड़प और सीमा पर तनाव के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि भारतीय जवानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।

मनमोहन सिंह ने साथ ही कहा है कि शहीद कर्नल संतोश बाबू और अन्य जवानों की शहादत को पूरा न्याय मिले, ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री को अपने बयान से चीन के षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देने को भी कहा। मनमोहन सिंह ने कहा कि पीएम को अपने शब्दों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

मनमोहन सिंह ने लिखा है, 'हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।'

मनमोहन सिंह ने साथ ही लिखा, 'हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वक्त की चुनौतियों का सामना करें और कर्नल बी. संतोष बाबू औ हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।' 

'षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं दें पीएम'

मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें बयानों से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए। मनमोहन सिंह ने लिखा, 'चीन ने अप्रैल 2020 से अनेक बार घुसपैठ की कोशिश की है। हम न उनकी धमकियों और दबाव के आगे झुकेंगे और न ही भूभागीय अखंडता से समझौता स्वीकार करेंगे।'

मनमोहन सिंह ने आगे लिखा, 'प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार से भी अंग इस खतरे का सामना करने और स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।'

मनमोहन सिंह ने साथ ही लिखा, 'हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय और सरकार की ओर से उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़िया हमारा आंकलन कैसे करेंगी। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों से देश की सुरक्षा और सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति हमेशा बेहद सावधान रहना चाहिए।'

बता दें कि पिछले हफ्ते 15 जून की रात पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद से तनाव बढ़ा हुआ है। चीन के भी 40 से ज्यादा जवानों के हताहत होने की खबरें आई थीं लेकिन उसकी ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। साल 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव था। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। 

टॅग्स :मनमोहन सिंहचीननरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?