झारखंडः पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और पत्नी सुशीला देवी अरेस्ट, 1.46 करोड़ रुपये का मामला, ससुराल में छिपे हुए थे
By एस पी सिन्हा | Updated: December 10, 2020 18:33 IST2020-12-10T18:32:48+5:302020-12-10T18:33:47+5:30
झारखंड के रांची में सीबीआई ने पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों को 14 दिन की हिरासत में भेज दिया. पांच-पांच साल की सजा सुनायी गई थी.

सीबीआइ ने दुमका से हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सुबह सात बजे गिरफ्तार किया. (file photo)
रांचीः झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सीबीआई की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. पूर्व मंत्री फरार चल रहे थे.
इस बीच सीबीआई को सूचना मिली तो दोनों को गिरफ्तार कर लिया. आज सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. आय से अधिक संपत्ति मामले में हाइकोर्ट द्वारा अपील खारिज करने के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री को दुमका स्थित उनके ससुराल से गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ की टीम रांची लेकर आई. पूर्व मंत्री अपनी पत्नी के साथ ससुराल में छिपे हुए थे. इसकी सूचना सीबीआई की टीम को उनके ड्राइवर से मिली. जिसके बाद सीबीआई की टीम ने उनके ससुराल दुमका में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. उनके भाई भी आरोपी है, लेकिन वह फरार चल रहे है.
मंत्री और उनकी पत्नी को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआइ अधिकारियों का दल मंगलवार को ही देवघर पहुंचा था, लेकिन पूर्व मंत्री व उनके पारिवारिक सदस्यों के वहां नहीं मिलने के बाद सीबीआइ ने ड्राइवर को पकड़ कर पूछताछ की.
हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सुबह सात बजे गिरफ्तार किया
ड्राइवर से मिली सूचना पर सीबीआइ ने दुमका से हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सुबह सात बजे गिरफ्तार किया. इसके बाद उन्हें रांची लेकर आई. राज्य के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय, पत्नी सुशीला देवी और संजय राय को दिसंबर 2016 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने पांच-पांच साल की सजा और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
बताया जाता है कि जनवरी 2017 में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पीएलएल कोर्ट में सभी को सात- सात साल की सजा सुनाई थी. पूर्व मंत्री ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. आधी सजा काट लेने की वजह से हाइकोर्ट ने अपील के निपटारे तक जमानत दी थी. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दायर अपील पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने चार नवंबर 2020 को फैसला सुनाया.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा
हाइकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा. हाइकोर्ट द्वारा अपील खारिज किये जाने के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने हरिनारायण राय, सुशीला देवी और संजय राय के खिलाफ पांच नवंबर 2020 को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया. इसके बाद से सीबीआइ हरिनारायण राय व अन्य को तलाश रही थी.
हालांकि पीएमएलए कोर्ट द्वारा सात साल की सजा सुनाये जाने के हरिनारायण ने हाइकोर्ट में अपील दायर कर विधानसभा 2019 चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी. हाइकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद चुनाव लडने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. पूर्व मंत्री हरिनारायण राय, उनकी पत्नी सुशीला देवी और भाई पर 1.46 करोड़ रुपए आय से अधिक संपत्ति का रखने का आरोप है.
इसको लेकर सीबीआइ कोर्ट के तत्कालीन विशेष जज बालकृष्ण तिवारी ने 14 दिसंबर 2016 को पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और उनकी पत्नी को दोषी करार दिया था. दोनों को 5-5 साल की सजा सुनायी गई थी. दोनों पर साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.
जनवरी 2017 में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पीएलएल कोर्ट में सभी को सात- सात साल की सजा सुनाई थी. पूर्व मंत्री ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. आधी सजा काट लेने की वजह से हाइकोर्ट ने अपील के निपटारे तक जमानत दी थी.

