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कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कोर्ट से झटका, अदालत से राहत नहीं मिली

By भाषा | Updated: September 17, 2019 19:57 IST

बारासात सत्र न्यायाधीश एस रशीदी ने कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है क्योंकि करोड़ों रुपये का यह घोटाला मामला अलीपुर जिला अदालत में दर्ज है। बारासात अदालत उत्तर 24 परगना जिले में है जबकि अलीपुर अदालत समीपवर्ती दक्षिण 24 परगना जिले में है।

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ठळक मुद्देसीबीआई ने मामले में मदद के वास्ते उसके समक्ष पेश होने के लिए कुमार को नोटिस दिया था। इस सिलसिले में अग्रिम जमानत के लिए कुमार ने बारासात अदालत का रुख किया था। 

कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को सारदा चिटफंड मामले में अपनी अग्रिम जमानत याचिका पर बारासात जिला एवं सत्र अदालत से मंगलवार को राहत नहीं मिली।

बारासात सत्र न्यायाधीश एस रशीदी ने कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है क्योंकि करोड़ों रुपये का यह घोटाला मामला अलीपुर जिला अदालत में दर्ज है। बारासात अदालत उत्तर 24 परगना जिले में है जबकि अलीपुर अदालत समीपवर्ती दक्षिण 24 परगना जिले में है।

सीबीआई ने मामले में मदद के वास्ते उसके समक्ष पेश होने के लिए कुमार को नोटिस दिया था। इस सिलसिले में अग्रिम जमानत के लिए कुमार ने बारासात अदालत का रुख किया था। 

कोलकाता की विशेष अदालत ने मंगलवार को शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। दरअसल कुमार को सीबीआई ने करोड़ों रुपये के सारदा चिट-फंड घोटाले में पेश होने के लिए नोटिस दिया है, जिसको लेकर कुमार ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए बारासात की एक विशेष अदालत का रुख किया था।

विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीब तालुकदार ने कुमार की याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के प्रभारी विशेष अदालत ने कहा कि यह एक निचली अदालत है और उसे अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि कुमार अपनी याचिका को लेकर बारासात के जिला सत्र न्यायालय जा सकते हैं।

गौरतलब है कि 13 सितंबर को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त को सारदा चिट-फंड घोटाला मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण का अपना अंतरिम आदेश वापस ले लिया था। उच्च न्यायालय ने सीबीआई के नोटिस को रद्द करने संबंधी कुमार की याचिका को भी खारिज कर दिया था। कुमार वर्तमान में पश्चिम बंगाल सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक हैं । वह घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल में शामिल थे। उच्चतम न्यायाल ने 2014 में चिट-फंड के अन्य मामलों के साथ इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

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