नयी किताब में आबादी से जुड़ा मिथक तोड़ेंगे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी

By भाषा | Updated: January 12, 2021 18:19 IST2021-01-12T18:19:16+5:302021-01-12T18:19:16+5:30

Former Chief Election Commissioner Qureshi to break myth related to population in new book | नयी किताब में आबादी से जुड़ा मिथक तोड़ेंगे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी

नयी किताब में आबादी से जुड़ा मिथक तोड़ेंगे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी

नयी दिल्ली, 12 जनवरी भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई कुरैशी अगले महीने बाजार में आ रही अपनी किताब में धार्मिक आधार पर भारत की आबादी और जनसांख्यिकी का विशेषण कर रहे हैं और इस मिथक को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं कि इस्लाम में परिवार नियोजन की मनाही है।

किताब के प्रकाशक हार्परकॉलिंस इंडिया का कहना है कि ‘‘द पॉपुलेशन मिथ : इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया’ (आबादी का मिथक : इस्लाम, परिवार नियोजन और भारत में राजनीति) शीर्षक वाली इस किताब में जनसंख्या से जुड़े आंकड़ों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के आधार पर ‘मुसलमानों की आबादी में वृद्धि’ का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।

किताब में विश्लेषण किया गया है कि कैसे इन मिथकों का इस्तेमाल करके बहुसंख्यकों को डराया जाता रहा है। लेखक अपनी किताब में तथ्यों का उपयोग कर इन मिथकों को तोड़ने और यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि कैसे परिवार नियोजन सभी समुदायों के हित में है।

यह किताब 15 फरवरी को बाजार में आएगी। इसमें कुरान और हदीस के हवाले से बताया गया है कि कैसे इस्लाम दुनिया के पहले कुछ धर्मों में से एक है जिसने छोटे परिवार की वकालत की है, इसलिए ज्यादातर इस्लामिक देशों में जनसंख्या नीतियां हैं।

कुरैशी ने दलील दी है, ‘‘दशकों से भारतीयों को यह दुष्प्रचार घुटी की तरह घोल कर पिलाया गया कि मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं ताकि हिन्दुओं पर बढ़त पा सकें, और इसी तरह से मुसलमान राजनीति सत्ता पर कब्जा करने की सोच रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस विचारधारा को मजबूत बनाने के लिए मुसलमानों के प्रति असभ्य नारेबाजी जैसे... ‘हम पांच, हमारे पच्चीस’ या ‘हम चार, हमारे चालीस... को शीर्ष राजनीतिक स्तर पर बार-बार दोहराया गया है। दूसरी ओर, कई मुसलमान भी मानते हैं कि इस्लाम भी परिवार नियोजन के खिलाफ है।’’

कुरैशी ने कहा, ‘‘इस पुस्तक के माध्यम से इन्हीं दोनो मिथकों और अन्य भ्रम को दूर करने का प्रयास किया गया है। इस किताब में जनसांख्यिकी, धार्मिक, प्रशासनिक, नीतिगत और परिसंवाद और जनसंख्या पर बात की गई है।’’

कुरैशी 1971 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए और बाद में देश के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए।

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Web Title: Former Chief Election Commissioner Qureshi to break myth related to population in new book

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