पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया चुनाव सुधारों का आह्वान

By भाषा | Updated: November 16, 2020 21:34 IST2020-11-16T21:34:51+5:302020-11-16T21:34:51+5:30

Former Chief Election Commissioner called for election reforms | पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया चुनाव सुधारों का आह्वान

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया चुनाव सुधारों का आह्वान

नयी दिल्ली, 16 नवंबर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने ‘चुनाव प्रचार थमने की अवधि’ में उम्मीदवारों के घर-घर जाकर प्रचार करने पर रोक लगाने की वकालत की है, ताकि नकदी और शराब से मतदाताओं को न लुभाया जा सके।

उन्होंने आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन किए जाने सहित विभिन्न आधारों पर किसी राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की निर्वाचन आयोग को अनुमति देने के लिए कानून में बदलाव की भी पैरवी की।

रविवार को न्यायमूर्ति वी आर कृष्णा अय्यर की जयंती मनाने के लिए चुनाव सुधारों की आवश्यकता पर आयोजित व्याख्यान में उन्होंने कहा कि मतदान शुरू होने से पहले 48 घंटे की अवधि के दौरान घर-घर जाकर प्रचार करने पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि यह समय वह होता है जब नकदी और शराब बांटी जाती है।

उन्होंने कहा कि ‘चुनाव प्रचार थमने’ की अवधि एक ऐसा समय है जब मतदाताओं को अपने विकल्प का फैसला चुनने के लिए अकेले छोड़ दिया जाना चाहिए।

कुरैशी ने रेखांकित किया कि निर्वाचन आयोग के पास किसी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की शक्ति है, लेकिन पंजीकरण खत्म करने की शक्ति नहीं है। मामला जब उच्चतम न्यायालय गया तो उसने कहा कि इस उद्देश्य के लिए कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार के पास लगभग 20 साल से मामला लंबित है। उन पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इस शक्ति की आवश्यकता है जो समय पर अपने खाते का लेखा-जोखा जमा नहीं करतीं और बार-बार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती हैं।

कुरैशी ने कहा कि कुछ ‘‘फर्जी’’ पार्टियां हैं जो धनशोधन के लिए बनी हैं और उनका भी पंजीकरण रद्द किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने अन्य चुनाव सुधार के रूप में मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तथा उन्हें हटाए जाने का जिक्र किया।

कुरैशी ने कहा कि तीनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति नेता विपक्ष की सहमति से होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त को जहां उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालयों के किसी न्यायाधीश की तरह केवल महाभियोग के माध्यम से हटाया जाना चाहिए, वहीं दो अन्य चुनाव आयुक्तों को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा सरकार को की गई सिफारिश के आधार पर हटाया जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Former Chief Election Commissioner called for election reforms

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे