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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद पर लगाया 2005 के पहले वाली स्थिति पैदा करने का आरोप

By एस पी सिन्हा | Updated: February 12, 2024 16:43 IST

जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार ने बिहार के गरीबों को जो तीन डिसमिल जमीनें दी हैं, उसका रसीद तो गरीब तबके के लोगों के नाम से कटता है, लेकिन उसपर कब्जा राजद के लोगों ने कर रखा है। 

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ठळक मुद्देमांझी ने राजद पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे बिहार में सैकड़ों एकड़ जमीन को राजद से जुड़े लोगों ने कब्जा कर रखा हैउन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि संगती बहुत ही महत्वपूर्ण चीज होती हैआगे कहा, गलत लोगों के साथ हम रहेंगे तो जरूर कहीं न कहीं हमारी मानसिकता में भी गड़बड़ी आ जाएगी

पटना:बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे बिहार में सैकड़ों एकड़ जमीन को राजद से जुड़े लोगों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिहार के गरीबों को जो तीन डिसमिल जमीनें दी हैं, उसका रसीद तो गरीब तबके के लोगों के नाम से कटता है, लेकिन उसपर कब्जा राजद के लोगों ने कर रखा है। 

उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि संगती बहुत ही महत्वपूर्ण चीज होती है। गलत लोगों के साथ हम रहेंगे तो जरूर कहीं न कहीं हमारी मानसिकता में भी गड़बड़ी आ जाएगी। जिस तरह से तेजस्वी यादव और उनके साथी लोग हैं और बिहार में 2005 के पहले वाली स्थिति पैदा कर रहे थे, जिसकी चर्चा खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के सामने कई बार की थी। 

मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास दिलाया था कि वे बिहार में 2005 के पहले वाली स्थिति कभी नहीं आने देंगे और इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं कि बिहार में वह स्थिति नहीं आए इसके लिए उन्होंने पाला बदला है और एनडीए के साथ आए हैं। हमें समाजवादी विचार के लोगों पर तरस आती है। इन्होंने कभी नहीं कहा कि जमीन का कितना पट्टा दिया गया है और जो लोग सैकड़ों एकड़ जमीन की रशीद कटाकर बैठे हुए हैं, वे जमीनें किसके कब्जे में हैं यह बताने का काम इन लोगो ने नहीं किया। 

उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहना चाहते हैं कि उन्होंने कई लाख एकड़ जमीन को बांटने का काम किया है। गरीबों को पर्चा मिला है और वे रसीद भी कटा रहे हैं, लेकिन उसपर कब्जा गरीबों का नहीं है। मांझी ने सदन में दावा किया कि चाहे तीन डिसमिल जमीन का मामला हो या एक एकड़ जमीन का मामला हो सौ में नब्बे फीसदी जमीन राजद के लोगों के कब्जे में है।

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