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पूर्व आर्मी ऑफिसरों ने कहा, 'राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है राहुल गांधी का भारत-चीन पर दिया बयान', नेहरू की इस गलती की दिलाई याद

By पल्लवी कुमारी | Updated: June 10, 2020 07:26 IST

पैंगोंग सो (Pangong Tso) में 5 मई 2020 को हिंसक संघर्ष होने के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच एक महीने से अधिक समय से गतिरोध जारी है, जो डोकलाम में 2017 में हुए सैन्य गतिरोध के बाद सबसे बड़ा गतिरोध बनता जा रहा है।

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ठळक मुद्दे9 रिटायर्ड आर्मी ऑफिसरों ने एक सार्वजनिक बयान जारी कर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ताजा बयानों की कड़ी निंदा की है।आर्मी ऑफिसरों ने कहा है कि इस वक्त विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने में सरकार का सहयोग करना चाहिए।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद का भारत जल्द से जल्द समाधान चाहता है।

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी के भारत-चीन सीमा विवाद पर दिए बयानों की पूर्व आर्मी ऑफिसरों ने कड़ी निदां की है। 9 पूर्व आर्मी अफसरों ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत-चीन के बीच जारी तनाव पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान गलत सोच से प्रभावित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है। पूर्व आर्मी ऑफिसरों ने कहा राहुल गांधी के ट्वीट उनकी अज्ञानता को दिखाते हैं...या फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के  ऐतिहासिक भूलों को नजरअंदाज करने की सोची हुई प्लानिंग का हिस्सा है। 

इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक 9 रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर, जिसमें नितिन कोहली, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव शामिल हैं, इन्होंने एक अधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, ''हम सीनियर आर्म्ड फोर्सेज वेटरंस के ग्रुप के तौर पर राहुल गांधी के भारत-चीन सीमा विवाद से निपटने को लेकर हमारी सेना और सरकार पर सवाल उठाने वाले बयानों और ट्वीट की कड़ी निंदा करते हैं।''

भारत-चीन सीमा (फाइल फोटो)

अतित में भी कांग्रेस के कई नेताओं ने  इंडियन आर्म फोर्स पर उठाए हैं सवाल

उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी के बयान हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए नुकसानदायक है। राहुल गांधी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के अन्य कई नेताओं ने अतीत में इंडियन आर्म फोर्स ग्राउंड और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए हैं।'

9 रिटायर्ड आर्मी ऑफिसरों ने अपने बयान में पूछा, 'क्या राहुल गांधी नहीं जानते हैं कि मिस्टर नेहरू ने तिब्बत को प्लेट में सजाकर चीन को सौंप दिया था और चीन ने अक्साई चीन में सड़कें बना लीं, बाद में इस पर तब कब्जा कर लिया जब नेहरू प्रधानमंत्री थे?'

आर्मी ऑफिसरों ने कहा, कांग्रेस ने इस देश में सबसे लंबे वक्त तक शासन किया, लेकिन उन्होंने बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को सिर्फ नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर और भी ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है। कांग्रेस को फिलहाल सरकार का समर्थन करना चाहिए भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने में और सहयोग की भावना दिखानी चाहिए। 

राहुल गांधी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को अटेंड करते हुए (पुरानी तस्वीर)

आर्मी ऑफिसरों ने केंद्र की सरकार की इस बात के लिए की सराहना

आर्मी ऑफिसरों ने कहा कि हम केंद्र की सरकार की सराहना करते हैं कि वह बॉर्डर के इलाके में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में प्रतिबद्ध हैं, जो 1962 के चीन के साथ हुए जंग के बाद से नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार बहुत चतुर कूटनीतिक पहल का सहारा ले रही है।'

जानिए राहुल गांधी ने क्या दिया था बयान 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शायरी के द्वारा भारत-चीन सीमा के हालातों पर तंज कसा था। गृह मंत्री अमित शाह के एक भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था- ''सब को मालूम है 'सीमा' की हकीकत लेकिन, दिल के खुश रखने को, 'शाह-यद' ये ख़्याल अच्छा है।''

अपने एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा,‘अगर रक्षा मंत्री का हाथ के निशान पर टिप्पणी करने का काम पूरा गया हो गया हो तो वह इसका जवाब दे सकते हैं कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?’

राहुल गांधी और कांग्रेस भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध को लेकर पिछले कुछ हफ्ते में सरकार से कई बार सवाल कर चुके हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार (8 जून)  को कहा कि चीन के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद का भारत जल्द से जल्द समाधान चाहता है। साथ ही उन्होंने पूर्वी लद्दाख में जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए चीन और भारत की सेनाओं के बीच पिछले हफ्ते हुई उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता को सकारात्मक बताया।

गलवान घाटी और पैंगोंग सो सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के बीच उनका बयान आया है जिससे संकेत मिलते हैं कि भारत गतिरोध से कड़ाई से निपटेगा। 

टॅग्स :राहुल गांधीजवाहरलाल नेहरूभारतीय सेनाचीनलद्दाख
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