विदेशी भी जुड़ रहे गुजरात के प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वेद व प्राचीन भारत विज्ञान पाठ्यक्रमों से

By भाषा | Updated: October 24, 2021 20:01 IST2021-10-24T20:01:12+5:302021-10-24T20:01:12+5:30

Foreigners are also joining the Vedas and ancient India science courses of the Technological University of Gujarat. | विदेशी भी जुड़ रहे गुजरात के प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वेद व प्राचीन भारत विज्ञान पाठ्यक्रमों से

विदेशी भी जुड़ रहे गुजरात के प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वेद व प्राचीन भारत विज्ञान पाठ्यक्रमों से

अहमदाबाद, 24 अक्टूबर वेदों, उपनिषदों, कौटिल्य के अर्थशास्त्र और प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा हासिल की गयी उपलब्धियों के बारे में अधिकाधिक जानने के लिए सऊदी अरब, कुवैत, तंजानिया और आस्ट्रेलिया जैसे देशों से लोग गुजरात के एक राजकीय विश्वविद्यालय द्वारा हाल में शुरू किये गये ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से जुड़े हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

गुजरात प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) को प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणालियों से जुड़े तीन महीने के 12 ऑनलाइन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के लिए 889 विद्यार्थियों से पंजीकरण के वास्ते आवेदन मिले हैं। यह गुजरात सरकार का विश्वविद्यालय है जो अभियांत्रिकी, वास्तुशिल्प, प्रबंधन, फार्मेसी और कंप्यूटर साइंस जैसे विविध विषयों का अध्ययन कराता है।

अधिकारियों ने बताया कि भारत के 21 राज्यों के अलावा सउदी अरब, कुवैत, तंजानियां और आस्ट्रेलिया के विद्यार्थियों ने इन पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है जिन्हें ‘धरोहर’ नामक जीटीयू सेंटर फोर इंडियन नॉलेज सिस्टम और भीष्म स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज ने शुरू किया है। भीष्म स्कूल ऑफ इंडिक स्टडीज ‘प्राचीन भारतीय ज्ञान’ के प्रचार के लिए काम करने वाला एक संगठन है।

ये ऑनलाइन पाठ्यक्रम वेदों, उपनिषदों, पुराणों, प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वास्तुशिल्प, कला, संस्कृति एवं परंपरा, कौटिल्य के अर्थशास्त्र एवं राजनीतिक विज्ञान, भारतीय नरेश एवं सम्राट, धर्म, क्लासिक साहित्य एवं भारतीय प्रवासियों के वैश्विक पदचिह्न जैसे विषयों से जुड़े हैं।

इन पाठ्यक्रमों से संबद्ध अधिकारियों के अनुसार ‘वेद अध्ययन’ विषय छात्रों की पहली पसंद है तथा 238 लोगों ने उसमें प्रवेश लिया है। उन्होंने कहा कि प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर लोकप्रियता के लिहाज से ‘कौटिल्य के अर्थशास्त्र एवं राजनीतिक विज्ञान’ तथा ‘प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’ क्रमश: दूसरी एवं तीसरी पसंद हैं।

वैसे इस बात का आंकड़ा नहीं उपलब्ध कराया गया है कि विदेश से कितने विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सऊदी अरब से अधिकतर विद्यार्थियों ने ‘कौटिल्य के अर्थशास्त्र एवं राजनीतिक विज्ञान’ तथा ‘वेद अध्ययन’ को चुना है जबकि आस्ट्रेलिया के ज्यादातर अभ्यर्थियों ने ‘वेद अध्ययन’ एवं ‘प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी’ का चयन किया है।

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Web Title: Foreigners are also joining the Vedas and ancient India science courses of the Technological University of Gujarat.

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