केरल के चुनावी इतिहास में पहली बार भाजपा ने निकाय चुनाव में दो मुस्लिम महिलाओं को प्रत्याशी बनाया

By भाषा | Updated: November 24, 2020 15:44 IST2020-11-24T15:44:07+5:302020-11-24T15:44:07+5:30

For the first time in the electoral history of Kerala, BJP nominated two Muslim women candidates in the civic elections | केरल के चुनावी इतिहास में पहली बार भाजपा ने निकाय चुनाव में दो मुस्लिम महिलाओं को प्रत्याशी बनाया

केरल के चुनावी इतिहास में पहली बार भाजपा ने निकाय चुनाव में दो मुस्लिम महिलाओं को प्रत्याशी बनाया

मलप्पुरम (केरल), 24 नवंबर केरल के चुनावी इतिहास में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने दो मुस्लिम महिलाओं को पार्टी की ओर से स्थानीय निकाय चुनाव में उम्मीदवार घोषित किया है।

पार्टी ने मलप्पुरम जिले में होने वाले निकाय चुनाव में इन महिलाओं को टिकट दिया है।

भाजपा के इस कदम को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के गढ़ और मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले में भाजपा द्वारा अप्रत्याशित रूप से मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा करना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साहवर्धक माना जा रहा है।

हालांकि, निकाय चुनाव में भाजपा की ओर से कई पुरुष मुस्लिम उम्मीदवार खड़े हैं लेकिन इस समुदाय की केवल दो महिलाएं मलप्पुरम से चुनाव लड़ रही हैं।

वंडूर की निवासी टी पी सुल्फात वंडूर ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या छह से चुनावी मैदान में हैं और चेम्मड की रहने वाली आएशा हुसैन, पोनमुडाम ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या नौ से प्रत्याशी हैं।

दोनों ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के अपने कारण बताए।

सुल्फात, केंद्र की भाजपा सरकार की ‘प्रगतिशील’ नीतियों से प्रभावित हैं तथा आएशा का कहना है कि उनके पति भाजपा में हैं इसलिए वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

सुल्फात ने कहा, “तीन तलाक पर प्रतिबंध और महिलाओं के लिए शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 किये जाने से मैं प्रभावित हुई।”

उन्होंने कहा, “यह मुस्लिम महिलाओं के कल्याण के लिए उठाए गए बड़े कदम हैं। यह करने का साहस केवल मोदी में है।”

सुल्फात की शादी 15 वर्ष की आयु में हो गई थी और अभी वह दो बच्चों की मां हैं।

उन्होंने कहा कि वह ऐसी महिला हैं जिसकी किशोरावस्था में शादी हो गई थी और उससे उन्हें तकलीफ का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें लगता है कि केंद्र सरकार द्वारा नीतियों में फेरबदल करने से मुस्लिम महिलाओं को बहुत सहायता मिलेगी।

सुल्फात ने शिक्षा हासिल कर सरकारी नौकरी करने का सपना देखा था लेकिन जल्दी शादी हो जाने से वह दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं कर पाईं।

आएशा हुसैन अपने पति के जरिये भाजपा से प्रभावित हुईं।

उनके पति भाजपा की इकाई अल्पसंख्यक मोर्चा के सक्रिय सदस्य हैं। उन्होंने कहा, “मैं मोदीजी और भाजपा की साहसिक नीतियों की समर्थक हूं, जो देश के लिए कल्याणकारी हैं।”

आएशा के पति हुसैन वरिकोटिल भी मलप्पुरम जिला पंचायत के एडरिकोडे डिवीजन से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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