नयी दिल्ली, छह दिसंबर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण और झाग बनने पर रविवार को चिंता जाहिर की और दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि नदी में सीवर का पानी नहीं छोड़ा जाए।
शीर्ष प्रदूषण निगरानी संस्था ने संबंधित एजेंसियों से 15 दिसंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
एक सरकारी बयान में सीपीसीबी ने कहा कि नदी के पानी की गुणवत्ता जहरीली हो रही है तथा नदी में असंशोधित पानी छोड़ने से अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है।
सीपीसीबी ने दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया कि वे समयबद्ध कार्रवाई करे और सुनिश्चित करे कि यमुना में सीवर का पानी नहीं छोड़ा जाए।
बयान में कहा गया है कि सीपीसीबी ने यमुना के पानी की गुणवत्ता और उसमें मिलने वाले नालों का निरीक्षण किया है।
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