लोकसभा में विपक्ष की टिप्पणियों को लेकर बोलीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण- कई बार मैं टीचर की तरह समझाती हूं
By भाषा | Updated: July 10, 2019 20:57 IST2019-07-10T20:57:58+5:302019-07-10T20:57:58+5:30
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने जब वित्त मंत्री की बातों पर टीका टिप्पणी जारी रखी तब वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘चाहे कोई मेरी हंसी उड़ाये, लेकिन कई बार में कक्षा में विद्यार्थियों को समझा रही शिक्षका की तरह बोलती हूं ... यदि यह पर्याप्त नहीं है तो मुझे सदस्यों का संसद भवन के कमरा नंबर 36 में पूरे सम्मान के साथ स्वागत करते हुए खुशी होगी।’’

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में बजट चर्चा के जवाब में विपक्षी सदस्यों को यह कह कर भड़का दिया कि वह कई बार किसी बात को एक शिक्षिका की तरह समझाती है.. पर यदि इसमें कोई कमी रह गयी हो तो सदस्य उनके कक्ष में आकर बात कर सकते हैं, उनका स्वागत है। सीतारमण वर्ष 2019- 20 के बजट पर हुई सामान्य चर्चा का उत्तर दे रही थीं। वह विपक्ष द्वारा बजट दस्तावेज में दिये गये आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों और आर्थिक समीक्षा में अनुमानित आंकड़ों में अंतर के सवाल पर सदस्यों के समक्ष स्थिति स्पष्ट कर रही थी।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने जब वित्त मंत्री की बातों पर टीका टिप्पणी जारी रखी तब वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘चाहे कोई मेरी हंसी उड़ाये, लेकिन कई बार में कक्षा में विद्यार्थियों को समझा रही शिक्षका की तरह बोलती हूं ... यदि यह पर्याप्त नहीं है तो मुझे सदस्यों का संसद भवन के कमरा नंबर 36 में पूरे सम्मान के साथ स्वागत करते हुए खुशी होगी।’’
कांग्रेस के सदस्य उनकी इस टिप्पणी से भड़क गये। पार्टी के अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘हम वित्त मंत्री को ध्यान से सुन रहे हैं, लेकिन वह हमें गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। सदस्य स्पष्टीकरण मांगेगे। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिये।’’
उनके साथ विपक्ष के तमाम सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गये और जोर जोर से बोलने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को शांत करते हुए व्यवस्था दी कि वह रिकार्ड देखेंगें और यहि कोई बात अपत्तिजनक है तो उसे कार्यवाही से हटा दिया जायेगा।
सीतारमण ने इससे पहले कहा था कि उनके बजट अनुमान फरवरी में पेश किये गये अंतरिम बजट पर आधारित हैं। अंतरिम बजट में और शुक्रवार को पेश पूर्ण बजट में आंकड़ों में निरंतरता बनाये रखी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदन को आश्वस्त करना चाहती हूं कि उन्हें बजट में दिये गये आंकड़ों को लेकर किसी अटकलबाजी में नहीं पड़ना चाहिये। इसमें दिया गया हर आंकड़ा प्रामाणिक है।’’